जबलपुर ई-ऑफिस योजना | Jabalpur e-office scheme
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी दवारा 03 मार्च 2020 को जबलपुर में ई-ऑफिस योजना को शुरु किया गया है। इस योजना के तहत अब कलेक्टर व कमिश्नर कार्यालय में ऑनलाइन सिस्टम होगा और जितने भी दस्तावेज होंगे उन सब की PDF फाइल बनाई जाएगी। जिससे अब रिकॉर्ड को संभाल कर रखने के लिए बहुत सारा पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा, व्लकि सारा रिकॉर्ड कंम्प्यूटर सर्वर में सेव करके रखा जाएगा। इस योजना से फाइलों का निराकरण किसी भी जगह किसी भी समय किया जा सकता है। जिससे कोई भी फाइल या दस्तावेज कुछ ही पल में संबंधित अधिकारी या कार्यालय को इलेक्ट्रॉनिकली ट्राँसफर हो जाएगी, और SMS व ई मेल के माध्यम से अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फाइलों के मूवमेंट का नोटीफिकेशन भी समय समय पर मिलेगा। इस योजना से जिला स्तर से लेकर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर तक फाइलों की मॉनीटरिंग की जाएगी। इस योजना के लिए जबलपुर जिले के लगभग 50 कार्यालयों के 700 कर्मचारियों की शासकीय ई मेल आईडी बनाई जा चुकी है। जबलपुर जिले से 5 कार्यलयों की ई एम डी फ़ाइल भी तैयार हो चुकी है। इसके अलावा जिले के लगभग 500 कर्मचारियों को समय समय पर ई आफिस प्रणाली के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया गया है। इस योजना की शुरुआत जबलपुर से की जा रही है। इस सिस्टम के लागु होने से जबलपुर प्रदेश का पहला राज्य वन गया है। इस योजना से एक तो समय की वचत होगी और दूसरा ऑफिस के सभी कार्य मिनटो में निपटाए जाएगें।
उद्देश्य | An Objective
जबलपुर ई-ऑफिस योजना का मुख्य उद्देश्य कलेक्टर व कमिश्नर कार्यालय में ऑफिस में होने वाले सारे कार्य को ऑनलाइन करना है।
पात्रता | Eligibility
- जबलपुर में कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी
- कार्यालयों में होने वाला फाइल वर्क
- रिकार्ड को संभालने के लिए सिस्टम की कमी
- अधिकांश कार्य हाथों दवारा होता है।
लाभ | Benefits
- ई-ऑफिस योजना का लाभ जबलपुर के कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलेगा।
- इस योजना से ऑफिस का सारा काम-काज ऑनलाइन होगा।
- दस्तावेजों को सेव करने के लिए PDF फाइल बनाई जाएगी। जिससे सारे रिकॉर्ड संभाल के रखे जाएगे।
- सारा रिकॉर्ड कंम्प्यूटर सर्वर में सेव होगा।
- इस योजना से फाइल या दस्तावेज कुछ ही मिनटों में संबंधित अधिकारी या कार्यालय को इलेक्ट्रॉनिकली ट्राँसफर हो जाएगी।
- इस योजना से SMS व ई मेल के माध्यम से अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फाइलों के मूवमेंट की नोटीफिकेशन भी समय पर मिलती रहेगी।
- इस योजना को सुचारु रुप से चलाने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
- किस तरह सर्वर में एंट्री करनी है, रिकार्ड कैसे सेव होगा ये सारी जानकारी कर्मचारियों को उपलव्ध करवाई गई है।
- इस योजना के लिए दफ्तरों में तकनीकी संसाधन/ कम्प्यूटर, मॉनीटर, प्रिंटर आदि की व्यवस्था भी की गई है, जहां पर वर्तमान प्रचलित प्रकरणों व रिकॉर्ड को स्केन किया जाएगा।
- इस योजना से आम जनता को दस्तावेज जमा करवाने के बाद रिस्प्ट पर अब URL लिखा होगा, जिसके माध्यम से आपको ये पता चलेगा कि आपकी फाइल इस समय कहां पर है, आपकी शिकायत पर कार्यवाही हुई है या नहीं। यह सारी जानकारी आपको एक URL के माध्यम से ही उपलब्ध करवाई जाएगी।
- रिकॉर्ड में से किसी भी दस्तावेज को बाहर निकालना सबसे मुश्किल बात होती है। अधिकारी चाहते हैं कि उनके द्वारा मांगी गई जानकारी तत्काल उनकी टेबल पर होनी चाहिए। जिससे ऑफिस कलेक्टर सहित जिले के प्रमुख अधिकारियों के पास में बैठा हुआ कंप्यूटर ऑपरेटर लाखों दस्तावेज वाले रिकॉर्ड में से उस एक डॉक्यूमेंट को निकालकर तत्काल अधिकारी के टेबल पर रखेगा जिसकी डिमांड उसके दवारा की गई थी।
- इस योजना से समय की वचत होगी।
- सारा कार्य कंम्पयूटर के माध्यम से मिनटो में हो जाएगा।
ई-ऑफिस योजना के तहत ये शाखाएं होंगी ऑनलाइन | These branches will be online under e-office scheme
इस योजना के तहत जहां पर कार्य ऑनलाइन होगा उसका विवरण नीचे दिया गया है।
1. कलेक्टर कार्यालय | Collector Office
- अधीक्षक कार्यालय,
- वित्तीय विभाग,
- पूछताछ केंद्र, स्थापना शाखा,
- शिकायत शाखा,
- एसडब्ल्यूएस,
- नाजराज,
- शस्त्र शाखा,
- आरटीआई,
- जनसुनवाई,
- प्रोटोकॉल,
- रीडर एवं स्टेनो कक्ष
- रेकॉर्ड रूम।
2. कमिशनर कार्यालय | Commissioner’s office
- सम्भागायुक्त सचिवालय,
- डिप्टी कमिश्नर,
- ज्वाइंट कमिश्नर,
- रेकार्ड,
- डिस्पैच,
- परीक्षा सेल,
- स्थापना शाखा,
- रीडर कक्ष
महत्वपूर्ण डाउनलोड | Important Downloads
आशा करता हूं आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी। आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेंट और लाइक जरुर करें।
Last Updated on March 4, 2020 by Abinash