मंकीपॉक्स [Monkeypox] वायरस क्या है | लक्षण, बचाव व उपचार | Vaccine in India

 

|| Monkeypox Virus | Symptoms, Prevention and Treatment | मंकीपॉक्स वैक्सीन | Monkeypox Variants | Objective || देश मे कोरोना महामारी की रफतार जैसे ही कम हुई है, तो एक नई बीमारी ने दस्तक दे दी है| जिसका नाम है – मंकीपॉक्स वायरस | मंकीपॉक्स एक जूनोसिस वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलने वाला संक्रमण है| ये स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही एक सदस्य है| इस वायरस का पहला केस केरल के कोल्‍लम जिले से सामने आया था| उसके बाद ये वायरस धीरे-धीरे भारत मे पैर पसार रहा है| तो आइए जानते हैं – मंकीपॉक्स वायरस को वढने से कैसे रोका जाए और कौन सी दवा इस वायरस को खत्म करेगी|

Monkeypox

Monkeypox Virus

मंकीपॉक्स वायरस एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से होता है। ये वायरस चेचक की तरह ही होता है, जिसमे व्यकित के शरीर मे स्मॉल पॉक्स निकलते हैं| यह मुख्य रूप से पश्चिमी अफ्रीकी देशों से नाइजीरिया और कांगो में कृन्तकों से मनुष्यों में प्रेषित किया गया था | उसके बाद ही इस बीमारी को मंकीपॉक्स कहा जाता है| इसकी पहचान पहली बार 1958 में ज़ैरे (अब कांगो) में अनुसंधान के लिए रखी गई बंदरों की कॉलोनियों में हुई थीं| यह बाद में 1970 में मनुष्यों में पाया गया था| एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 73 देशों के हजारों की संख्या में मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है| विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6% रहा है|

मंकीपॉक्स वेरिएंट

WHO के मुताबिक मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरस है, जिसका संक्रमण कुछ मामलों में गंभीर हो सकता है| इस वायरस के दो स्‍ट्रेन्‍स हैं- पहला कांगो स्ट्रेन और दूसरा पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन|

योजना का अवलोकन

योजना का नाममंकीपॉक्स वायरस
लाभार्थीदेश के नागरिक
प्रदान की जाने वाली सहायतामंकीपॉक्स वायरस से ग्रसित लोगो का उपचार करना

Monkeypox Virus

Covid-19 Vaccine Certificate Download

 

मंकीपॉक्स वायरस – मुख्य पहलु

कोरोना वायरस के बाद अब भारत समेत दुनिया के 78 देशों में मंकीपॉक्स संक्रमण फैल रहा है। अब तक वैश्विक स्तर पर मंकीपॉक्स के 18,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भारत में भी मंकीपॉक्स के मरीज मिले हैं। हालांकि मंकीपॉक्स के मामले में भारत की स्थिति फिलहाल गंभीर नहीं हैं लेकिन अगर इसे लेकर सतर्कता नहीं बरती गई, तो कोरोना वायरस की तरह मंकीपॉक्स भी तेजी से फैल सकता है। मंकीपॉक्स कोई नया संक्रमण नहीं है लेकिन भारत में लोगों को मंकीपॉक्स के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। संक्रमण की जानकारी, इसके लक्षण, बचाव के तरीके और उपचार के बारे में जानकारी होने पर ही आप इस रोग से बच सकते हैं। मंकीपॉक्स भले कोरोना जैसे फैल रहा है लेकिन ये कोविड जितना घातक नहीं है। मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आएं तो घबराएं नहीं। लक्षणों से मंकीपॉक्स की स्थिति को समझते हुए इलाज कराएं। खुद से घरेलू नुस्खे अपनाने के बजाए केंद्र सरकार द्वारा मंकीपॉक्स को लेकर जारी दिशा निर्देशों का पालन करें।

उद्देश्य

मंकीपॉक्स वायरस से ग्रसित नागरिको को डाक्टरों से सलाह लेना है, खुद को आइसोलेट करना है और लोगो के संपर्क मे आने से वचना है|    

Monkeypox

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस

मंकीपॉक्स से पीड़ित जानवर या व्यक्ति के शरीर से निकले संक्रमित फ्लूइड के संपर्क में आने, संक्रमित जानवर के काटने, छूने आदि कारणों से मंकीपॉक्स फैलता है। खासकर, चूहों, गिलहरियों और बंदरों द्वारा यह अधिक फैलता है। वहीं, मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के आसपास रखी चीजों को छूने से भी मंकीपॉक्स का खतरा रहता है। इसके अलावा, ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी मंकीपॉक्स होता है, जो पहले से ही पीड़ित है।

ये वायरस शरीर के किस अंग मे ज्यादा फैलता है

वर्तमान में यह महामारी मुख्य रूप से शरीर के यौन मार्ग के माध्यम से मानव से मानव शरीर में फैलता है| इस बीमारी का फैलने का सबसे आसान तरीका संपर्क और यौन मार्ग है| दुनिया में सबसे ज्यादा मामले समलैंगिक में देखे गए हैं| इसलिए इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा इन्हीं वर्ग को रहता है| मुंह से मुंह, त्वचा का सीधा संपर्क, फोमाइट्स के जरिए भी आप संक्रामित हो सकते हैं| इसमें त्वचा में घाव, पुटिका द्रव, पपड़ी के टुकड़े अत्यधिक संक्रामक होते हैं|

मंकीपॉक्स के प्रमुख लक्षण

  • बुखार
  • सिर दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • पीठ दर्द
  • सूजी हुई लसीका ग्रंथियां (swollen lymph nodes)
  • ठंड लगना
  • थकावट
  • त्वचा का फटना
  • शरीर में रैशेज
  • गला खराब होना
  • बार-बार खांसी आना
  • सुस्ती आना
  • खुजली की समस्या

Monkeypox lakshan

कितने दिन तक रहते हैं मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मंकीपॉक्स के लक्षण 6 से 13 दिन के अंदर दिखाई देने लगते हैं। हालांकि कई बार 5 से 21 दिन का समय भी ले सकता है। संक्रमित होने पर अगले 5 दिन के अंदर बुखार, सिरदर्द, थकान और पीठ में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। बुखार होने के तीन दिन के अंदर त्वचा पर दाने आने लगते हैं।

मंकीपॉक्स वायरस से बचाव और अपचार

  • संक्रमण से बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं रखेँ।
  • मरीज को घर मे 21 दिन के लिए आइसोलेट किया जाना चाहिए|
  • मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद हाथों को साबुन और साफ पानी से धोएं।
  • इसके अलावा, सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें।
  • घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें।
  • सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन करें।
  • मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर शरीर को हाइड्रेट रखें।
  • भरपूर मात्रा में पानी पीएं |
  • पौष्टिक आहार का सेवन करें।

Monkeypox medicine

मंकीपॉक्स वायरस – वैक्सीन

चेचक का टीका 85% मामलों में मंकीपॉक्स के खिलाफ क्रॉस इम्युनिटी प्रदान करता है| जानकार मानते हैं कि मंकीपॉक्स होने पर चेचक का टीका ही लगवाएं और डॉक्टर के संपर्क में रहें।

आशा करता हूँ आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी| आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेट और लाइक जरूर करे|

Last Updated on August 2, 2022 by Abinash