Uttarakhand Goat Valley Yojana : किसानों की आय मे सुधार लाने और राज्य मे रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार दवारा गोट वैली योजना को लागू किया गया है| इस योजना के जरिए राज्य मे पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा| कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ और इसके अंतर्गत आवेदन कैसे किया जाएगा| ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढ़ना होगा| तो आइए जानते हैं – उत्तराखंड गोट वैली योजना के बारे मे|
Uttarakhand Goat Valley Yojana
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दवारा गोट वैली योजना का शुभारंभ किया गया है| इस योजना के अंतर्गत 11 हजार बकरियां दी जाएंगी और प्रत्येक पर्वतीय जिले में कलस्टर के माध्यम से 2 हजार बकरियां पशुपालकों को दी जाएंगी। पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन रोकने मे योजना कारगर सावित होगी| इस योजना से राज्य मे स्वरोजगर के अवसर सृजित होंगे| जिससे ग्रामिण आर्थिकी और मजबूत होगी| इसके साथ ही स्थानीय पशुपालको को अपने क्षेत्र मे ही रोजगार मिलेगा, और राज्य मे पशुपालन को भी वढावा मिलेगा|
60 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों को मिली हरी झंडी
मुख्यमंत्री जी दवारा सर्वे स्टेडियम में 60 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। ऐसे में उत्तराखंड को 35 मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन और दिए जाएंगे। योजना को शुरू करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि मोबाइल चिकित्सा इकाईयों से राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में आपातकालीन पशु चिकित्सा सेवाएं एवं पशुपालन संबंधी अन्य विभागीय सेवाएं आसानी से प्रदान की जा सकेंगी। जिससे लोगों को योजना का लाभ आसानी से मिल सकेगा|
गोट वैली योजना का अवलोकन
योजना का नाम | Uttarakhand Goat Valley Yojana |
किसके दवारा शुरू की गई | उत्तराखंड सरकार दवारा |
लाभार्थी | राज्य के नागरिक |
प्रदान की जाने वाली सहायता | लोगों को रोजगार से जोड़ना, बकरी पालन को वढावा देना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन/ ऑफ़लाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | ahd.uk.gov.in |
गोट वैली योजना 03 चरणो मे चलाई जाएगी|
- पहले चरण मे ये योजना अल्मोड़ा, बागेश्वर, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली से शुरू होगी|
- दूसरे चरण मे इसे उधम सिंह नगर, देहरादून और चम्पावत मे चलाया जाएगा
- तीसरे चरण मे गोट वैली योजना को पूरे राज्य मे लागु कर दिया जाएगा|
कार्याशाला व प्रशिक्षण का भी होगा आयोजन
रुद्रप्रयाग मे पहली कार्याशाला होगी| उसके बाद अन्य जिलों मे कार्याशाला व प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत ओजित किए जाएंगे|
गोट वैली योजना के लिए मिलेगी सब्सिडी
केंद्र तैयार होने पर बकरी के दूध एवं अन्य उत्पादों की खरीद के लिए विशेष योजना तैयार की जाएगी| इसके साथ ही भूसे पर सब्सिडी देने एवं दूध के उचित मूल्य किसानों को दिलवाने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है| जल्द ही इसका लाभ किसानों को प्राप्त होगा|
Goat Valley Yojana के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया
गोट वैली योजना का लाभ लाभार्थी तक पहुचाने के लिए टोल फ्री नंबर 1962 भी जारी किया गया है| ताकि लाभार्थी इस नंबर पर फोन करके अपनी समस्या वताकर उसका हल पा सकेगा|
एंबुलेंस में तैनात संविदा पशु चिकित्सक को मिलेगा मानदेय
योजना के जरिए राज्य को मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन दिए जाएंगे| इन बाहनो में संविदा पशु चिकित्सक को तैनात किया जाएगा| इस कार्य के लिए उन्हे राज्य सरकार दवारा न्यूनतम 56,000/- रुपये का वेतन मिलेगा|
गोट वैली रिवर्स माइग्रेशन में मददगार सावित होगी
पशुपालन के क्षेत्र में लोगो की आजीविका बढ़ाने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। पशुपालन के माध्यम से मातृशक्ति को सशक्त बनाने एवं रिवर्स माइग्रेशन की पहल की गई है। इसी क्रम में बागेश्वर से गोट वैली की शुरुआत की गई है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग, पौड़ी, चमोली, अल्मोड़ा व ऊधमसिंह में भी योजना को संचालित किया जाएगा। इस योजना को हब एंड स्पोक माडल के तहत एक ब्रीड मल्टीप्लायर फार्म के साथ जोड़ा जाएगा। संघ के सदस्यों को 20 प्लस वन की 100 यूनिट उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि बकरी के दूध को भी तेजी से बढ़ावा दिया जा सके|
Goat Valley Yojana का उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य व्यवसायिक गोट फार्मिंग को केन्द्रित कर एकीकृत एव समेकित आजीविका मॉडल को विकसित करना है, ताकि राज्य मे रोजगार के अवसर वढ सके|
उत्तराखंड गोट वैली योजना के लिए पात्रता
- आवेदक को उत्तराखंड राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए|
- सभी वर्ग के नागरिक योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हैं|
गोट वैली योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- स्थायी प्रमाण पत्र
- बैंक खाता
- पासपोर्ट साइज फ़ोटो
- मोबाइल नम्वर
Uttarakhand Goat Valley Yojana के लाभ
- गोट वैली योजना का लाभ उत्तराखंड राज्य के नागरिको को प्रदान किया जाएगा|
- गोट वैली योजना के आने से जिले के पशुपालन को ऊंचाई तक ले जाने में मदद मिलेगी।
- इस योजना के तहत 20 से 25 किलोमीटर क्षेत्र के गांवों को जोड़ा जाएगा|
- गोट वैली योजना में चयनित गांवों में बकरी पालन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- इसके अलावा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत देहरादून के श्यामपुर में सीमन लैब का निर्माण किया जा रहा है।
- किसानों को इसके लिए लोन भी उपलब्ध करवाया जाएगा|
- योजना में पहली बार बकरी के दूध का विपणन (मार्केटिंग) डेरी के माध्यम से किया जाएगा।
- पशु चिकित्सकों को NPA का लाभ मिलेगा|
- इस योजना से पर्वतीय सीमांत क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए जा सकेगे|
- इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र की आर्थिकी में सुधार होगा। वहीं रिवर्स पलायन को भी बढ़ावा मिलेगा।
- राज्य मे पशु चिकित्सा के लिए मोबाइल एंबुलेंस सेवा भी शुरू की गई है, इससे दूरस्थ क्षेत्रों के पशुपालकों को काफी मदद मिलेगी। कर्नाटक, मेघालय के बाद इस योजना को शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य वन गया है।
- टोल फ्री नंबर 1962 पशुपालक एंबुलेंस सेवा का लाभ ले सकेंगे।
- गोट वैली योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन व ऑफ़लाइन मोड के जरिए स्वीकार किए जा सकेंगे|
UK गोट वैली योजना की मुख्य विशेषताऐं
- राज्य मे लोगों को रोजगार से जोड़ना
- किसानों की आय मे वढोतरी लाना
- बकरी पालन को वढावा देना
- पात्र लाभार्थीयों को आत्म-निर्भर व सशकत वनाना|
Uttarakhand Goat Valley Yojana Registration
- सवसे पहले आवेदक को आधिकारिक वेबसाइट पे जाना होगा|
- उसके बाद आपको गोट वैली योजना के लिंक पे किलक करना है|
- अब आपके सामने योजना का आवेदन फॉर्म खुल जाएगा|
- इस फॉर्म को आपको ध्यानपूर्वक भरना होगा, और जरूरी दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे|
- सारी प्रक्रिया हो जाने के बाद आपको अंत मे Submit के बटन पे किलक कर देना है|
- इस तरह आपके दवारा योजना के अंतर्गत सफलतापूर्वक आवेदन कर दिया जाएगा|
Goat Valley Scheme Helpline Number
गोट वैली योजना के लिए हेल्पलाइन से सबंधित जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पे जाकर प्राप्त की जा सकती है |
आशा करता हूँ आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी| आर्टीकल अच्छा लगे तो कॉमेट और लाइक जरूर करे|