|| Samekit Murgi Vikas Yojana | बिहार मुख्यमंत्री समेकित मुर्गी विकास योजना | Bihar Samekit Murgi Vikas Scheme Online Registration | Application Form || बिहार सरकार दवारा राज्य मे रोजगार के अवसर को वढावा देने के लिए समेकित मुर्गी विकास योजना को लागु किया गया है| इस योजना के जरिए पोल्ट्री फार्मिंग करने के लिए चूजे उपलब्ध करवाये जाते हैं| इनकी सुरक्षा व रख-रखाव के लिए सरकार दवारा अनुदान भी दिया जाता है| ये योजना आवेदक की आमदनी को वढावा देने के लिए चलाई गई है, ताकि राज्य मे रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सके| कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ और इसके अंतर्गत आवेदन कैसे करे| ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढना होगा| तो आइए जानते हैं – बिहार समेकित मुर्गी विकास योजना के वारे मे|
Bihar Samekit Murgi Vikas Yojana
बिहार सरकार दवारा राज्य के नागरिको की आमदनी मे सुधार लाने के लिए समेकित मुर्गी विकास योजना को शुरू किया गया है| इस योजना के अंतर्गत मुर्गी पालन को वढावा देने के लिए सरकार दवारा आर्थिक सहायता दी जाती है| इसके अलावा बिहार जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के बीच प्रति परिवार low-Input variety coloured Chicks उपलब्ध करवाये जाते हैं|
आपको वता दें कि- इन चूजों की कुल संख्या 45 रखी गई है, और इनकी आयु 28 दिन की होनी चाहिए| योजना के जरिए इन चूजों की सही देखभाल करने और इनका पाल-पोषण करने पर भविष्य में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है| शुरुआत में इन चूजों की देखभाल के लिए पोल्ट्री फार्म भी लगाए जा सकते हैं, जिसके लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत अनुदान भी मिलता है|
समेकित मुर्गी विकास योजना 2022-23 के लिए खर्च की जाने वाली राशि
समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत साल 2022-23 के लिए बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने कुल 468.959 लाख रुपये खर्च का अनुमान लगाया है|
योजना का अवलोकन
योजना का नाम | समेकित मुर्गी विकास योजना |
किसके दवारा शुरू की गई | बिहार सरकार दवारा |
लाभार्थी | राज्य के नागरिक |
योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सहायता | रोजगार उपलव्ध करवाना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | state.bihar.gov.in/prdbihar/CitizenHome |
समेकित मुर्गी विकास योजना का उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य मे मुर्गी पालन को वढावा देना और लोगों को रोजगार से जोड़ना है|
बिहार समेकित मुर्गी विकास योजना के लिए मुख्य दिशा-निर्देश
- समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत पोल्ट्री फार्मिंग के लिए 45 चूजों पर अनुदान के लिए आवश्यक है कि उनके रखरखाव के लिए बैकयार्ड में अच्छी-खुली जगह होनी चाहिए, ताकि मुर्गियों के प्रबंधन और अंडा उत्पादन में आसानी हो सके|
- जो भी व्यक्ति योजना के अंतर्गत मुर्गी फार्म खोलना चाहता है, उसको मुर्गी फार्म के साथ-साथ फीड मिल यूनिट स्थापित करना भी आवश्यक होगा।
- मुर्गी फार्म खोलने के इच्छुक व्यक्ति के पास अपनी खुद की जमीन होनी चाहिए|
- 5000 क्षमता वाले मुर्गी फार्म को खोलने हेतु लाभार्थी के पास 50 एकड़ भूमि होनी आवश्यक है।
- 10,000 लेयर वाले मुर्गी फार्म को खोलने के लिए आवेदक के पास कम से कम 1 एकड़ भूमि होनी चाहिए|
- यदि किसी आवेदक के पास खुद की जमीन नहीं है तो उसके पास लीज होना आवश्यक है|
- जिस भी आवेदक को योजना के अंतर्गत स्वीकृति मिलती है, उसी आवेदक को समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत लाभ पहुंचाया जाता है और इस को सुनिश्चित करने के लिए एक स्वीकृति पत्र अर्थात अप्रूवल लेटर आवेदक के नाम पर जारी होना चाहिए|
- स्वीकृति पत्र प्राप्त हो जाने के बाद 10 दिन के अंदर अंदर विभागीय अधिकारियों द्वारा 1000/- रुपए के non-judicial stamp पेपर पर एक इकरारनामा किया जाता है।
- इस योजना के तहत जिन आवेदकों का चयन किया जाता है, उनको हर महीने की 5 तारीख को लेयर मुर्गी फार्म का मासिक प्रगति रिपोर्ट पशुपालन अधिकारी के पास भेजना अनिवार्य होता है|
- हर महीने मुर्गी फार्म के अंदर चूजा एवं मुर्गियों के स्वास्थ्य का परीक्षण जिला पशुपालन अधिकारी द्वारा किया जाता है और रिपोर्ट भी तैयार की जाती है|
- मौजूदा चूजों और मुर्गियों की बायोसिक्योरिटी की सारी जिम्मेदारी मुर्गी फार्म के संचालक की ही होती है|
- पशुपालन अधिकारियों के साथ जब एक बार इकरारनामा हो जाएगा तो उसके बाद 30 दिनों के अंदर मुर्गी फार्म के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा| अगर कोई व्यक्ति इकरारनामा के बाद 30 दिनों के अंदर मुर्गी फार्म का निर्माण नहीं करता है, तो उस व्यक्ति के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।
- निर्माण कार्य शुरू होते ही सारी जानकारी जिला पशुपालन अधिकारी को देनी होती है|
- लोन की दोनों किस्त प्राप्त करने के लिए आवेदक को निर्माण कार्य पूरा होने के बाद की फोटोग्राफ तथा अन्य उपकरणों के साथ अपनी पासपोर्ट साइज फोटो पशुपालन कार्यालय में जमा करवानी होगी, तभी वो योजना का लाभ ले सकेगा|
समेकित मुर्गी विकास योजना के लिए चयन प्रक्रिया
इस योजना के जरिए लाभार्थियों का चयन जीविका के क्लस्टर लेवल फेडरेशन या विलेज ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से किया जाएगा| चयन होने के बाद लाभार्थीयों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा| उसके बाद आवेदक को योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ प्रदान होंगे|
बिहार समेकित मुर्गी विकास योजना के लाभ
- मुर्गी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकार सब्सिडी प्रदान करती है।
- इस योजना के तहत चूजों की सुरक्षा के लिए पिंजरा/ केज निर्माण हेतु 1,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है|
- लाभार्थियों से 28 दिन के 45 low input variety coloured Chicks के लिए 10 रुपये प्रति चूजा के हिसाब से लिया जाएगा|
- अगर आप मुर्गी पालन का व्यवसाय करना चाहते हैं और इस व्यवसाय की लागत 100000/- रूपए है, तो सरकार जनरल कैटेगरी वाले नागरिको को 25% यानी ₹25000 की सब्सिडी और ST / SC केटेगरी वाले लोगों को 35 % यानी ₹35000 की सब्सिडी प्रदान करती है|
- 5000 लेयर की क्षमता वाले मुर्गी फार्म को खोलने के लिए सरकार की तरफ से 4800000 रुपए तक की लागत का बजट तय किया गया है और इसी के अनुसार लाभार्थीयों को लोन प्रदान किया जाएगा।
- यदि 10000 लेयर की क्षमता वाला मुर्गी फार्म स्थापित करना है तो उसके लिए आवेदक को ₹ 5000000 तक का लोन कम ब्याज पर दिया जाएगा।
- इस योजना के तहत मिलने वाले अनुदान को आवेदक के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा। पहली किस्त 60% उस समय प्राप्त की जाएगी, जब मुर्गी फार्म का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा एवं फार्म के लिए उचित के साथ फोटोग्राफ पशुपालन कार्यालय में भेज दी जाएगी। दूसरी किस्त 40% उस समय प्रदान की जाएगी जब मुर्गी फार्म का संचालक अपने फार्म में फीड मील गोदाम, जनरेटर, फीड मिल उपकरणों के साथ अपना फोटोग्राफ पशुपालन कार्यालय में भेज देगा।
- इस योजना के तहत न केवल मुर्गी फार्म खोलने के लिए लोन की सुविधा दी जाएगी बल्कि जो मुर्गी फार्म स्थापित करने से पहले प्रशिक्षण हासिल करना चाहते हैं उन्हें भी प्रशिक्षित किया जाएगा|
योजना की मुख्य विशेषताएं
- राज्य मे मुर्गी पालन को बढ़ावा देना|
- राज्य मे रोजगार के अवसर पैदा करना|
- इस योजना से बिहारमें मुर्गी तथा अंडे के उत्पादन में वृद्धि होगी|
- फॉर्म खोलने के लिए राज्य के नागरिको को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करना
- पात्र लाभार्थीयों को आत्म-निर्भर व सशक्त वनाना|
समेकित मुर्गी विकास योजना के लिए पात्रता
- आवेदक को बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए|
- सभी वर्ग के लोग योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हैं|
- आवेदक के पास खुद की जमीन होनी चाहिए|
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड,
- स्थायी प्रमाण पत्र
- जाती प्रमाण पत्र
- सरकारी संस्थानों से 5 दिवसीय मुर्गी पालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र
- बैंक खाता
- प्रशिक्षण संबंधी साक्ष्य
- द्यतन लगान रसीद /एल.पी.सी. ,लीज एकरारनामा ,नजरी नक्शा
- आवेदन के समय आवेदक के पास वांछित राशि की छाया प्रति
बिहार समेकित मुर्गी विकास योजना के लिए कैसे करे आवेदन
- सवसे पहले पात्र लाभार्थीयों को आधिकारिक वेबसाइट पे जाना होगा|
- उसके बाद आपको योजना के लिंक पे किलक करना है|
- अब आपके सामने आवेदन फॉर्म खुल जाएगा|
- आपको ये फार्म ध्यानपूर्वक भरना है, और जरूरी दस्तावेज अपलोड करने हैं|
- सारी प्रक्रिया हो जाने के बाद आपको अंत मे Submit के बटन पे किलक कर देना है|
- एप्लीकेशन फॉर्म के सबमिट हो जाने के बाद आपको एक रसीद प्रिंटआउट के रूप में अपने पास रखनी होगी।
- इस तरह आपके दवारा आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और पशु पालन अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों को वेरीफाई करने के बाद एक लिस्ट जारी कर दी जाएगी जिसमें से चयनित आवेदकों की सारी जानकारी होगी। जिन लाभार्थीयों का नाम इस लिस्ट में आएगा, केवल उन्हे ही इस योजना के अंतर्गत लाभ प्रदान किया जाएगा|
आशा करता हूँ आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी| आर्टीकल अच्छा लगे तो कॉमेट और लाइक जरूर करे|