हिमाचल दालचीनी योजना 2022 | Dalchini Yojana : आवेदन प्रक्रिया | पात्रता व उद्देश्य

|| Himachal Pradesh Dalchini Scheme | HP दालचीनी योजना | Application Process | योजना का कार्यान्वयन |  Eligibility & Objectives ||

 

हिमाचल प्रदेश सरकार दवारा राज्य मे दालचीनी की खेती को वढावा देने के लिए दालचीनी योजना को लागू किया गया है| जिसके अंतर्गत दालचीनी की पैदावार करके आर्थिक पक्ष को मजबूती मिलेगी| इस योजना से किसानो की आय मे सुधार आएगा और रोजगार के अवसर भी वढेंगे| कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ और योजना के अंतर्गत आवेदन कैसे होगा| ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढ्ना होगा| तो आइए जानते हैं – हिमाचल दालचीनी योजना के वारे मे|

Himachal Dalchini

 

Himachal Dalchini Yojana

हिमाचल दालचीनी योजना की शुरुआत राज्य के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर जी दवारा जिला ऊना के गांव बरनोह में दालचीनी के पौधों का रोपण करके की गई है| इस योजना के तहत मैदानी जिलों में सेब फसल की तर्ज़ पर दालचीनी फसल की खेती की जाएगी। प्रदेश के ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर व सिरमौर जिला में 40,000 प्रति वर्ष दालचीनी के पौधे लगाए जाएंगे, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सकेगा| इसके अलावा प्रदेश में CSIR द्वारा दालचीनी के पौधे सप्लाई किए जाएंगे तथा कृषि विभाग नोडल एजेंसी के रूप में गांवों में दालचीनी के पौधे लगाने का कार्य भी किया जाएगा| राज्य मे अधिक से अधिक लोगो को इस योजना से जोड़ा जाएगा, ताकि दालचीनी फसल की खेती करने वाले लोगो के जीवन स्तर को वेहतर वनाया जा सके| 

योजना के मुख्य पहलु

  • भारत में हर साल 45 हजार टन के करीब दालचीनी बाहरी देशों से आयत की जाती है। ऐसे में अगर हिमाचल में इसकी अच्छी पैदावार होती है, तो इससे किसानों की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी और इसकी खेती इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
  • पांच जिलों के किसानों को प्रति वर्ष 40 हजार से 50 हजार दालचीनी पौधे मुफ्त वितरित किए जाएंगे। इनका पौधरोपण मनरेगा के माध्यम से किया जाएगा।
  • राज्य में प्रति वर्ष औसतन 40 हेक्टेयर भूमि पर दालचीनी की फसल को तैयार किया जाएगा। आगामी पांच वर्षों में लगभग 200 हेक्टेयर भूमि पर दालचीनी की फसल तैयार की जाएगी।
  • राज्य के गर्म तथा आर्द्रता भरे मौसम एवं सामान्य तापमान वाले ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा तथा सिरमौर जिलों में दालचीनी फसल सफलतापूर्वक उगाई जाएगी|
  • हिमाचल प्रदेश में नकदी फसलों की अधिक संभावना है, जिसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार नकदी फसलों को बढ़ावा देगी|
  • दाल चीनी सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में से एक है, जिसे प्राचीन काल से व्यंजन और औषधीय अनुप्रयोगों के लिए पहचाना जाता है।
  • दाल चीनी की फसल कम सिंचाई के साथ अच्छी उपज देगी|

HP दालचीनी योजना का अवलोकन

योजना का नामदालचीनी योजना
किसके दवारा शुरू की गईहिमाचल के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर जी दवारा
विभागहिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान
लाभार्थीराज्य के नागरिक
प्रदान की जाने वाली सहायतादालचीनी की खेती करना
आधिकारिक वेबसाइटhttps://www.ihbt.res.in

Himachal Dalchini scheme

हिमाचल दालचीनी योजना का उद्देश्य

योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य मे कृषि को वढावा देने के लिए दालचीनी की खेती करने हेतु राज्य के लोगो को प्रोत्साहित करना है|

HP दालचीनी योजना के लिए पात्रता

  • हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी
  • खेती करने वाले नागरिक
  • इस योजना के लिए किसान भी पात्र हैं|

दालचीनी योजना के जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • स्थायी प्रमाण पत्र
  • जमीनी दस्तावेज
  • मोबाइल नम्वर

योजना का कार्यान्वयन

दालचीनी योजना का कार्यान्वयन हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान दवारा किया जाएगा| जिसमे से CSIR के वैज्ञानिक लोगो को इस योजना के प्रति जागरुक करेगे|

दालचीनी योजना के तहत लोगो को मिलेगा प्रशिक्षण

दाल चीनी की खेती के लिए कलस्टर बनाकर इसकी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। जिसके लिए CSIR के वैज्ञानिकों दवारा स्थानीय लोगों को दालचीनी के पौधे लगाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा| इस प्रशिक्षण मे लोगो को दाल चीनी की खेती करने की वारिकी से जानकारी दी जाएगी, और उन्हे वताया जाएगा कि कौन से मौसम मे इसकी खेती की जाती है| इसके अलावा खेती करने के लिए कितने पानी की अवश्यकता होती है| ये सारी जानकारी लाभार्थीयों को प्रशिक्षण के दौरान दी जाएगी|

हिमाचल प्रदेश है दालचीनी के लिए अनुकूल
  • उना बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर जिले और सिरमौर में दालचीनी की खेती के लिए संभावित क्षेत्र हैं| इन क्षेत्रो मे दालचीनी की खेती आसनी से की जा सकती है|
Dalchini scheme
हिमाचल वनेगा दालचीनी का हव
  • भारत चीन, श्रीलंका, वियतनाम, इंडोनेशिया और नेपाल से सालाना 45,318 टन (909 करोड़ रुपये मूल्य) का दालचीनी आयात करता है| वहीं 45,318 टन आयात में से आश्चर्यजनक रूप से भारत 37,166 टन सिनामोमम कैसिया वियतनामचीन (कई देशों में प्रतिबंधित प्रजाति) और इंडोनेशिया से आयात करता है|
  • ऐसे मे अगर हिमाचल मे दालचीनी की खेती को वढावा मिलता है, तो यहाँ से इसका आयात शुरू हो जाएगा| जिससे हिमाचल आर्थिक रूप से मजबूत बनेगा|
दालचीनी योजना की मुख्य विशेषताएँ
  • दालचीनी की खेती को वढावा देने के लिए हिमाचल के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर जी दवारा योजना की शुरुआत की गई है|
  • हिमाचल प्रदेश के ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर, सिरमौर और हमीरपुर जिलों में दालचीनी की खेती के लिए संभावित क्षेत्र उपलब्ध हैं|
  • CSIR के द्वारा दालचीनी के पौधे लगाने के लिए लोगो को प्रशिक्षण की सुविधा दी जाएगी|
  • हिमाचल प्रदेश, सिनामोमम वेरम की खेती के साथ, भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने दालचीनी की संगठित खेती शुरु की है|
  • इस प्रारंभिक चरण में, सरकार की योजना बेहतरीन दालचीनी के 600 से 700 पौधे लगाने की है|
  • किसान दालचीनी की पैदावार कर अपनी आर्थिकी को मजबूत बना सकेंगे|
  • हिमाचल में दालचीनी की अच्छी पैदावार होने से यहाँ से आयात किया जाएगा|
हिमाचल दालचीनी योजना के लिए कैसे करे आवेदन 
  • सवसे पहले पात्र लाभार्थी को नजदीकी कृषि विभाग मे जाना होगा|
  • उसके बाद आपको वहाँ के अधिकारी को ये वताना होगा, कि वे दालचीनी की खेती करना चाहते हैं|
  • अब अधिकारी के दवारा उस जगह पे निरीक्षण किया जाएगा, जहाँ पे आप दालचीनी की खेती करना चाहते हैं|
  • अगर वहाँ की भूमि दालचीनी की खेती के लिए अनुकूल होगी, तो आपको योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जाएगा|
  • उसके बाद आप दालचीनी की खेती कर सकेंगे|
  • इस प्रक्रिया का पालन करके आपको योजना का लाभ प्रदान जो जाएगा|

आशा करता हूँ आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी| आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेट और लाइक जरूर करे|