हिमाचल प्रदेश सूअर पालन योजना | Himachal Suar Palan Yojana | हिमाचल ग्रामीण बैकयार्ड सूअर पालन योजना | HP Gramin Backyard Suar Palan Yojana | सूअर पालन से करें अपनी आय में सुधार | How to apply
हिमाचल प्रदेश सरकार दवारा राज्य के लोगों को आत्म-निर्भर वनाने और बेरोजगारों तथा किसानों को आर्थिक रुप से मजबूती प्रदान करने के लिए सूअर पालन योजना को लागु किया गया है। जिसके माध्यम से लाभार्थीयों की आय में वढोतरी होगी। क्या है ये योजना, कैसे मिलेगा लाभ और आवेदन कैसे किया जाएगा। इसके लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढना होगा। तो आइए जानते हैं – हिमाचल सूअर पालन योजना के वारे में।
हिमाचल सूअर पालन योजना | Himachal Suar Palan Yojana
कोरोना काल के दौरान बेरोजगारों को रोजगार उपलव्ध करवाने और राज्य के किसानों की आय में वढोतरी करने के लिए हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर दवारा ग्रामीण बैकयार्ड सूअर पालन योजना का शुभारंभ किया गया है। योजना के तहत किसान छोटी सी जगह पर सूअर पालकर 50000/- रुपए आसानी से कमा सकते हैं और मादा सूअरों से होने वाले बच्चों को बेचकर भी मुनाफा कमा सकते हैं। ये योजना कोरोना महामारी के चलते बेरोजगार होकर बैठे लोगों के लिए भी आय के स्त्रोत का काम करेगी। इसके अलावा किसान बकरी पालन, डेयरी फार्मिंग के जरिए भी अपनी आर्थिक सिथति में भी सुधार कर सकते हैं। योजना के लिए किसानों को 20 यूनिट सूअर बांटकर विधिवत आगाज किया गया । जिसमें एक इकाई में 03 मादा और 01 नर सूअर दिए गए । इसके अलावा किसानों को सूअरों के खाने और उनके रख-रखाब के लिए करीब 20000 की फीड और दवाइयां भी बांटी गईं। योजना के माध्यम से सूअरों के खान-पान का भी खास ध्यान रखा गया है। ये योजना आने वाले वाले समय में संजीवनी की तरह कार्य करेगी। जिससे प्रदेशवासियों को योजना के वेहतर परिणाम मिलेगें और कोरोना काल के दौरान आर्थिक तंगी से जुझ रहे लोगों को ये योजना अधिक मुनाफा उपलव्ध करवाएगी।
उद्देश्य | An Objective
हिमाचल सूअर पालन योजना का मुख्य उद्देश्य कोरोना काल के दौरान लोगों के जीवन को वेहतर वनाकर उनके आर्थिक पक्ष को मजबूत करना है।
पात्रता | Eligibility
- हिमाचल प्रदेश राज्य के स्थायी निवासी
- बेरोजगार / किसान वर्ग
- जिस व्यक्ति को सूअर पालन करना है उसके पास सूअर के आवास की प्राप्त जगह अनिवार्य होनी चाहिए|
- सुअरों के लिए चिकित्सा सहायता नजदीकी उपलब्ध होनी चाहिए।
- सूअर पालन के लिए आपके पास नगर निगम के अधिकारी की अनुमति पत्र आपके पास होना चाहिए |
महत्वपूर्ण दस्तावेज | Important Documents
- आधार कार्ड
- स्थायी प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नम्वर
लाभ | Benefits
- हिमाचल सूअर पालन योजना का लाभ प्रदेश के स्थायी लोगों को प्राप्त होगा।
- योजना के जरिए लाभार्थीयों की आय में सुधार होगा।
- सूअर पालकर लाभार्थी 50000/- रुपए तक महीने की कमाई आसानी से कर सकते हैं।
- लाभार्थी मादा सूअरों से होने वाले बच्चों को बेचकर भी अपनी आमदनी को वढा सकते हैं।
- बेरोजगार लाभार्थी भी योजना का लाभ लेकर अपनी आर्थिक पक्ष को मजबूत कर सकते हैं।
- सूअरों के रखरखाव और उनके खाने के लिए करीब फीड और दवाइयां राज्य सरकार दवारा उपलव्ध करवाई जाएगी।
विशेषताएं | Features
- आर्थिक पक्ष को मजबूत करना
- लाभार्थीयों को आत्म-निर्भर वनाना
- आय में बढोतरी
सूअरों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी जो खरीदार को पता होनी चाहिए | Important information about pigs that buyers should know
सूअरों के रखरखाब से लेकर उनके स्वास्थय की जांच की सारी जानकारी लाभार्थी को पता होनी चाहिए। उसके बाद ही वह सुअरों को खरीद कर अपनी आय में सुधार कर सकता है।
सूअरों का रखरखाब कैसे होगा | How will the pigs care
सूअरों के आवास के लिए पर्याप्त स्थान एवं पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए | आवसा में हवा, प्रकाश एवं जल निकास की अच्छी व्यवस्था की होनी चाहिए | सुअरों के लिए मौसम के अनुसार आवास होना चाहिए जो खुली छत वाला भी हो | फर्श पक्का होना चाहिए और छत घास – फूस या खपरैल से बना होना चाहिए| दीवार की ऊँचाई 4 – 5 फूट तक की होनी चाहिए |
गर्भवती मादा सूअर का रख-रखाव | Maintenance of pregnant female pig
प्रजनन मुख्य रूप से नर और मादा सूअर 8 महीने के होने पर किया जाता है। प्रजनन के बाद, गर्भावस्था अवधि 115 दिनों के लिए रहती है और वे 8-12 बच्चों को जन्म देती हैं। गर्भवती मादा पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है। बच्चों के जन्म से एक हफ्ता पहले गर्भवती मादा को अलग क्षेत्र, भोजन और पानी दिया जाना चाहिए।
नवजात बच्चो का रख-रखाव | Newborn care
जन्म के बाद बच्चों को गरम जगह पर रखा जाता है। हर एक सूअर के नाल को एक नरम कपडे से साफ़ करना चाहिए। साफ़ करने के बाद नाभि की नाड को हटा देना चाहिए और स्टंप आयोडीन से साफ किया जाना चाहिए। 4 जोड़े के तेज दांतों का कतरन (कटिंग) किया जाना चाहिए। ये थन को नुकसान पहुंचने से बचाने के लिए जरूरी है। बच्चों 2-3 को सप्ताह बाद सूखी फीड देनी चाहिए।
सूअरों का आहार | Pigs diet
सूअरों को ताजा खाना बहुत पसंद होता है। वे विभिन्न प्रकार के खाने को पसंद करते हैं जिनमें कई तरह की किस्में और स्वाद हों। वे अलग प्रकार का भोजन जैसे कि जलीय पौधे, फल, नट्स, मांस, झाड़ियों और सभी प्रकार की सब्जियों को विशेष रूप से बंद गोभी को खाते हैं। उन्हें स्वाद और बनावट के लिए मिट्टी खाना भी पसंद होता है। वे अधूरे भोजन और कूड़े को भी ख़ुशी से खाते हैं। सुअर प्रति दिन औसतन 2-3 किलो भोजन खाते हैं। आहार सुअर की आयु और वजन के हिसाब से अलग-अलग होता है। सुअर के आहार में अनाज और प्रोटीन की खुराक होनी चाहिए। मुख्य रूप से उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सुअर के आहार में कसावा, ज्वार, जवी, गेंहू, चावल, बिनौले, मछली का आहार (फिश मील), मक्का चोकर, पूर्व मिश्रित विटामिन और पानी शामिल हैं।सुअर आहार में एक पूरक के रूप में विटामिन बी 12 आवश्यक है।अच्छी वृद्धि के लिए खनिज की खुराक भी दी जानी चाहिए।
नर सूअरों की खुराक | Male pigs supplements
सूअरों कि उम्र और सेहत के हिसाब से उन्हें खाना दिया जाता है।एक सामान्य सूअर जिसका वजन 100 किलोग्राम हो को 2-2.5 किलोग्राम खाने की आवश्यकता होती है।यदि सूअरों को घर के अंदर रखा जाता है, तो उनको हरी फीड दी जानी चाहिए।
मादा सूअरों की खुराक | Female pigs supplements
आहार में विटामिन, खनिज और प्रोटीन सामग्री दी जानी चाहिए। गर्भ के दौरान फीड को संभोग से 1-2 पहले बढ़ाया जाना चाहिए। एक मादा सूअर जिसका वजन 100 किलोग्राम हो को 2.5-3 किलोग्राम खाने की आवश्यकता होती है।
दूध पीते सूअर के बच्चो की खुराक | Milk Pig Supplements
पौष्टिक भोजन जिसे क्रीप फ़ीड के नाम से जाना जाता है वह सूअर के बच्चो को दिया जाना चाहिए। 8 सप्ताह की उम्र तक पहुंचने से पहले प्रत्येक सूअर के बच्चे को 10 किलोग्राम क्रीप फ़ीड दी जाती है।
स्वास्थय जांच | Health check
सुअरों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उचित समय पर उचित टीके दिए जाने चाहिए। कुछ टीके जैसे कि डीवर्मिंग प्रत्येक वर्ष में एक बार देना आवश्यक होता है। कुछ प्रमुख टीके या दवाइयां जो सुअर के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी हैं, जो इस प्रकार हैं:
- बच्चे के जन्म के 3 और 10 दिनों के बाद, 1ml और 2ml आयरन का इंजेक्शन गर्दन पर दिया जाता है।
- जन्म के 24 घंटों के भीतर ओरल आयरन का पेस्ट बच्चे के मुंह में रखा जाता है।
- बुखार से रोकने के लिए 2-4 सप्ताह का होने पर सुअर को टीका लगा दें।
- लकड़ी को राख भी दिया जाता है क्योंकि यह पशु को महत्वपूर्ण खनिज देता है।
- अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली फीड खाद भी दी जाती है।
- यदि किसी भी बीमारी से संबंधित कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो तत्काल पशु चिकित्सक से परामर्श करें।
हिमाचल सूअर पालन योजना के लिए कैसे करें आवेदन | How to apply for Himachal Suar Palan Yojana
- हिमाचल सूअर पालन योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थीयों को नजदीकी पशु विभाग कार्यालय में जाना होगा।
- अब आपको योजना का फार्म भरने के लिए दिया जाएगा।
- आपको इसमें दी गई सारी जानकारी भरनी है।
- सारी प्रक्रिया होने के बाद आपको ये भरा हुआ फार्म जमा करवा देना है।
- फार्म जमा करवाने के बाद आपको मादा और नर सुअर दिए जाएगें और उनके रख-रखाव की गाइडलाइन विभाग दवारा वताई जाएगी।
- इस तरह आपको योजना के जरिए लाभ प्राप्त हो जाएगा और जिसके तहत आप अपनी इनकम को भी वढा सकेगें।
आशा करता हूं आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी। आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेंट और लाइक जरुर करें।