UP निःशुल्क बोरिंग योजना 2022 | डाउनलोड नलकूप योजना | ऑनलाइन आवेदन | एप्लीकेशन फॉर्म

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उत्तर प्रदेश के किसानो की आय मे सुधार करने और फसलो की पैदावार को वढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार दवारा निःशुल्क बोरिंग योजना को लागू किया गया है| जिसके जरिये किसानो को सिंचाई हेतु बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है| कैसे मिलेगा योजना का लाभ और इसके अंतर्गत आवेदन कैसे किया जाएगा| ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढ्ना होगा| तो आइए जानते हैं – UP निःशुल्क बोरिंग योजना के वारे मे|

Nishulk Boring Yojana  

Uttar Pradesh Nishulk Boring Yojana  

उत्तर प्रदेश सरकार दवारा राज्य के किसानो की सिथती मे सुधार करने और उन्हे सशक्त वनाने के लिए निःशुल्क बोरिंग योजना को शुरू किया गया है| जिसके जरिये सामान्य जाति एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानो को सिंचाई हेतु बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी और बोरिंग के लिए पंप सेट की व्यवस्था करने के लिए किसान द्वारा बैंक से ऋण की प्राप्ति भी की जा सकेगी। सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमांत किसानो को Nishulk Boring Yojana का लाभ तभी प्रदान किया जाएगा जब उनके पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर होगी । 0.2 हेक्टेयर से कम जोत वाले सामान्य श्रेणी वाले किसानो को इस योजना का लाभ प्रदान नहीं होगा। यदि लाभार्थीयों के पास 0.2 हेक्टेयर से कम जोत है तो वे कृषकों को समूह बनाकर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जविक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों के लिए कोई न्यूनतम जोत सीमा निर्धारित नहीं की गई है। प्रदेश के पठारी क्षेत्रों में जहां हैंड बोरिंग सेट से बोरिंग की व्यवस्था नही है वहां इनवेल या वैगन ड्रिल मशीन से बोरिंग की जाएगी। उस स्थिति में किसानो को अनुमन्य सीमा तक ही अनुदान देय होगा और अतिरिक्त आय व्यय का भार किसानो द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा।  

UP निशुल्क बोरिंग योजना का क्रियान्वयन

UP Free Boring Yojana की अनुदान स्वीकृति के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी, अधिशासी अभियंता, अधिशासी अभियंता जिलाधिकारी द्वारा नामित अन्य 02 अधिकारी भी शामिल होंगे। जिसमे समिति द्वारा योजना के अंतर्गत अनुदान की स्वीकृति प्रदान की जाएगी और अन्य सामग्री की दरें भी निर्धारित की जाएंगी। अवर अभियंता बोरिंग का कार्य विभागीय बोरिंग टेक्नीशियन के द्वारा किया जाएगा| योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए समयबद्ध ढंग से निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों की पूर्ति की जाएगी।

बोरिंग की प्रक्रिया पूरी होने पर ही बोरिंग कार्य पूर्ति प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा। जिस पर लाभार्थी, बोरिंग टेक्निशियन, संबंधित अवर अभियंता और प्रधान ग्राम पंचायत के हस्ताक्षर होंगे। पूर्व बोरिंग की सूची अवर अभियंता द्वारा ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर एवं सार्वजनिक स्थल पर प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा यह सूची क्षेत्र पंचायत की बैठक में भी प्रस्तुत की जाएगी।

योजना का अवलोकन

योजना का नामउत्तर प्रदेश निशुल्क बोरिंग योजना
किसके दवारा शुरू की गईउत्तर प्रदेश सरकार दवारा
लाभार्थीराज्य के नागरिक
प्रदान की जाने वाली सहायतामुफ्त मे बोरिंग की सुविधा प्रदान करना
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन
आधिकारिक वेबसाइट

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UP निशुल्क बोरिंग योजना के सामान्य निर्देश

  • खंड विकास अधिकारी तथा लाभार्थी किसानो को मॉडल प्रकलन की प्रतियां उपलब्ध करवाई जाएंगी।
  • योजना के सभी प्रावधान से संबंधित जानकारी लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत में प्रदर्शित की जाएगी|
  • बोरिंग का कार्य शुरू होने से पहले कृषि ग्राम प्रधान जल संसाधन समिति के अध्यक्ष को अवगत किया जाएगा और बोरिंग प्रारंभ होने की तिथि पर एक छोटे से कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें लाभार्थी, ग्राम प्रधान, जल संसाधन समिति की सदस्य अथवा अन्य ग्रामवासी उपस्थित होंगे।
  • जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी एवं क्षेत्र पंचायत स्तर पर खंड विकास अधिकारी का दायित्व लाभार्थियों के चयन तथा ऋण लेने के इच्छुक कृषकों को ऋण स्वीकृति करने के स्तर तक की समस्त निर्धारित प्रक्रियाओं को पूर्ण करने का होगा|

UP निःशुल्क बोरिंग योजना का उद्देश्य

उत्तर प्रदेश निःशुल्क बोरिंग योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के किसानों को मुफ्त मे बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाना है। ताकि प्रदेश के किसानो को खेतो मे सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा । जिससे फसलो की पैदावार वढ़ेगी और किसानो की आय मे भी सुधार देखने को मिलेगा|

योजना के अंतर्गत अनुदान विवरण

योजना के अंतर्गत लाभार्थीयों को मिलने वाला अनुदान श्रेणी के अनुसार मिलेगा| जिसका विवरण इस प्रकार है –

  1. समान्य जाति के किसान हेतु अनुदान
  • बोरिंग पर अनुदान की अधिकतम सीमा 5000 से 7000/- रूपए निर्धारित की गई है|
  • सामान्य जाति के लाभार्थी के लिए जोत सीमा 0.2 हेक्टयर है|
  • इस श्रेणी के किसानो को बोरिंग पर पम्पसेट स्थापित करना जरूरी नही है|
  • पम्पसेट क्रय कर स्थापित करने पर लघु किसानो को 4500/- रूपए और सीमात किसानो के लिए 6000/- रूपए का अनुदान अनुम्य किया गया है|
  1. अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन-जाति के किसान हेतु अनुदान
  • इस वर्ग के लाभार्थीयो के लिए बोरिंग पर सव्सीड़ी की सीमा 10,000/- रूपए तय की गई है|
  • न्यूनतम जोत का प्रतिबन्ध और पम्पसेट करने की कोई बाध्यता नहीं है|
  • 10,000/- रूपए की सीमा के अंदर बोरिंग से धनराशि बचने पर रिप्लेक्स बल्ब, बेन्ड, डिलीवरी पाइप आदि की सुविधा लाभार्थी को प्रदान की जाएगी|
  • पम्पसेट करवाने पर अधिकतम 9,000/- रूपए की स्व्सीड़ी निर्धारित की गई है|
  1. पम्पसेट क्रय हेतु अनुदान

     निःशुल्क बोरिंग योजना के अन्तर्गत नाबार्ड द्वारा विभिन्न अश्वशक्ति के      पम्पसेटों के लिए ऋण की सीमा निर्धारित की गई है जिसके अधीन बैकों के  माध्यम से पम्पसेट क्रय हेतु ऋण की सुविधा उपलब्ध होगी। जनपदवार रजिस्टर्ड पम्पसेट डीलरों से नगद पम्पसेट क्रय करने की भी व्यवस्था की गई है। दोनों विकल्पो में से कोई भी प्रक्रिया अपनाकर ISI मार्क पम्पसेट क्रय करने पर अनुदान अनुमन्य होगा।

  1. HDPE पाइप के लिए स्व्सीड़ी

  पानी के अपव्यय को रोकने के लिए अभिवृदी के दृष्टिकोण से कुल लक्ष्य के   25 लाभार्थीयों को 90mm साइज का 30-60m HDPE पाइप लगाए जाने पर 50% अधिकतम 3000/- रूपए अनुदान दिए जाने का प्रावधान है|    जविक किसानो की मांग को देखते हुए 110m साइज के पाइप स्थापित करने की अनुमन्यता दी गई है|

पंपसेट स्थापना एवं अनुदान स्वीकृति

  • सभी श्रेणी के किसानो के लिए बोरिंग पर पंपसेट स्थापित करने के लिए बैंक से ऋण लेने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
  • ऐसे मे किसान चाहे तो बैंक से ऋण ले सकता है ।
  • अनुदान दिए जाने के पश्चात बैंक द्वारा निर्धारित रूप पत्र पर समयोजना की कृषक वार मासिक सूचना लघु सिंचाई विभाग को सोंपी जाएगी।
  • अनुदान की अगली किस्त की धनराशि बैंक को तभी दी जाएगी जब पूर्व में उपलब्ध कराए गए अग्रिम अनुदान राशि का समायोजन पूर्ण हो गया हो।
  • किसान द्वारा स्थापित किया गया पंप सेट की स्थापना से संबंधित जानकारी पत्रवली बनाने वाले ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अथवा अन्य अधिकारी को प्रदान की जाएगी। यह जानकारी ऋण वितरण होने के 1 माह के अंदर प्रदान की जाएगी।
  • ऋण की राशि की पूरी वसूली होने तक किसान द्वारा पंप सेट को बेचा नहीं जा सकेगा।
  • विभागीय अधिकारी द्वारा पंप सेट का सत्यापन 02 माह के अंतर्गत किया जाएगा।
  • सत्यापन के दौरान अगर अनुदान के गलत उपयोग की जानकारी सामने पाई जाती है तो इस स्थिति में इस बात की सूचना अधिशासी अभियंता, संबंधित बैंक जिला अधिकारी तथा मुख्य अभियंता को प्रदान की जाएगी।
  • इसके अलावा अगर अनुदान का गलत उपयोग होता है तो किसान से अनुदान की राशि की वसूली की जाएगी और फिर वसूली गई राशि सिंचाई विभाग को प्रदान की जाएगी।
  • अनुदान की राशि का दुरुपयोग होने की स्थिति में अनुदान की राशि यदि किसान वापस नहीं करता है तो ऐसे मामलों मे शासन द्वारा विशेष गंभीरता ली जाएगी ।
  • लाभार्थी द्वारा ISI Mark का पंपसेट बाजार में किसी भी पंप सेट निर्माता के अधिकृत विक्रेता से खरीदा जा सकेगा|
  • अगर किसान अधिक क्षमता वाला पंपसेट लेना चाहता है तो उसके लिए बोरवेल की क्षमता पंप सेट की क्षमता के अनुसार निर्धारित की जाएगी।
उत्तर प्रदेश निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत लक्ष्यों के निर्धारण की प्रक्रिया
  • लक्ष्य की प्राप्ति हर साल जनपद वार लक्ष्य शासन स्तर पर उपलब्ध कराए गए धनराशि के माध्यम से की जाएगी।
  • ग्राम पंचायत के लक्ष्यों का निर्धारण क्षेत्र पंचायत द्वारा किया जाएगा।
  • लक्ष्य से 25% से अधिक की संख्या होने पर लाभार्थी ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम जल संसाधन समिति की सहमति से उपरोक्त अनुसार चयनित किए जाएंगे।

Uttar Pradesh Nishulk Boring Yojana

चयन प्रक्रिया
  • सभी पात्र लाभार्थियों को चयन उनकी पात्रता के अनुसार किया जाएगा।
  • उत्तर प्रदेश निशुल्क बोरिंग योजना का लाभ उन किसानों को नहीं मिलेगा जो पूर्व में किसी सिंचाई योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं|
  • वर्ष 2000 -01 मैं विभाग द्वारा लघु सिंचाई कार्यों का सेंसस करवाया गया है। इस सेंसस के माध्यम से ऐसे किसानो की सूची तैयार की गई है जिन की भूमि असिंचित है। इस सूची के माध्यम से आय किसानो पर खास ध्यान दिया जाएगा।
  • ग्राम पंचायत द्वारा एक अंतिम बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें लाभार्थियों की सूची तैयार की जाएगी।
  • उसके बाद चयनित लाभार्थियों की सूची विकास अधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी।
UP निःशुल्क बोरिंग योजना की प्राथमिकताएं एवं प्रतिबंध
  • बोरिंग के समय लाभार्थी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि जहां बोरिंग की जा रही है वहां खेती है या नहीं।
  • बोरिंग के स्थान पर खेती होना अनिवार्य है।
  • इसके अलावा बोरिंग के संबंध में इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि प्रस्तावित पंपसेट से लगभग 3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर ही सिंचाई हो सकेगी|
  • वह विकास खंड जो सेमी क्रिटिकल कैटेगरी में आते हैं उनमें से नाबार्ड द्वारा स्वीकृत सीमा के अंतर्गत ही चयन किया जाएगा।
  • पंपसेट के मध्य दूरी नाबार्ड द्वारा जनपद विशेष के लिए निर्धारित दूरी से कम नहीं होनी चाहिए।
  • समग्र ग्राम विकास योजना एवं नक्सल प्रभावित समग्र ग्राम विकास योजना के अंतर्गत चयनित किए गए ग्रामों में सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर बोरिंग का कार्य को प्राथमिकता दी जाएगी|
  • उपलब्ध धनराशि से समग्र ग्राम विकास योजना एवं नक्सल प्रभावित समग्र ग्राम विकास योजना के लिए ग्रामों को सवसे पहले अहमियत दी जाएगी|
गुणवत्ता नियंत्रण एवं भौतिक सत्यापन
  • योजना की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभिन्न स्तरों पर सत्यापन, जांच एवं निरीक्षण का कार्य किया जाएगा।
  • सत्यापन की कार्यवाही करते समय सत्यापन रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता द्वारा हर महीने अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी सहित मुख्यालय में जमा की जाएगी।
  • योजना के अंतर्गत निर्मित कार्यों का सत्यापन ग्राम पंचायत की जल संसाधन समिति के माध्यम से होगा और बोरिंग पूर्ण होने के बाद इस बात की सूचना ग्राम प्रधान एवं जल संसाधन समिति को प्रदान की जाएगी।
  • विभागीय अधिकारी दवारा संबंधित ग्राम में पूर्ण समस्त बोरिंग का स्थलीय सत्यापन किया जाएगा।
  • गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए बोरिंग का कार्य लघु सिंचाई विभाग के विभिन्न स्तरों के अधिकारी द्वारा सत्यापित होगा ।
UP निशुल्क बोरिंग योजना के लिए पात्रता
  • लाभारथी उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  • आवेदक किसान होना चाहिए।
  • पात्र किसान के पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर होनी चाहिए।
  • अगर किसान के पास न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर की जोत सीमा नहीं है तो वे किसान – किसान समूह बनाकर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं|
  • योजना के लिए वे किसान ही पात्र होंगे जिन्हे अन्य किसी सिंचाई योजना का लाभ नहीं प्राप्त हुआ हो।
UP निशुल्क बोरिंग योजना के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
  • आधार कार्ड
  • राशन कार्ड
  • स्थायी प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • आयु का प्रमाण
  • बैंक खाता
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर
UP निशुल्क बोरिंग योजना के लाभ
  • निशुल्क बोरिंग योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के किसानो को मिलेगा|
  • योजना के जरिये अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और सामान्य जाति के लघु एवं सीमांत किसानों को बोरिंग/नलकूप लगवाने पर अनुदान दिया जाता है।
  • सामान्य जाति के लघु किसान यदि बोरिंग लगवाते हैं तो उन्हें 5000/- रुपए का अनुदान दिया जाएगा। वहीँ इस वर्ग के सीमांत किसानों को 7000/- रूपए का अनुदान मिलेगा।
  • योजना के तहत सामान्य जाति के लिए बोरिंग/नलकूप लगवाने पर पंप सेट स्थापित करना अनिवार्य नहीं होगा।
  • यदि सामान्य जाति के लघु किसान बोरिंग/नलकूप लगवाने के बाद पंप सेट स्थापित करवाते हैं तो कुल लागत पर उन्हें 4500/- रुपए दिए जाते हैं। वहीँ इसी वर्ग के सीमांत किसानों के लिए यह राशि 6000/- रुपए निर्धारित है|
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों को सामान्य जाति के किसानों की अपेक्षा बोरिंग लगवाने पर अधिक सब्सिडी मिलेगी|
  • अगर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमांत किसान बोरिंग लगवाते हैं तो उन्हें 10000/- रूपए की सब्सिडी दी जाएगी।
  • 10000/- रूपए अनुदान की राशि में से शेष राशि का इस्तेमाल भी इन किसानों के द्वारा अन्य उपयोगी सामग्री खरीदने के लिए किया जा सकेगा|
  • शेष राशि से रिफ्लेक्स वाल्व, डिलीवरी पाइप, बैंड जैसे सामान किसान खरीद सकते हैं।
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए भी बोरिंग लगवाने पर पंप सेट स्थापित करना अनिवार्य नहीं है।
  • यदि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमांत किसान बोरिंग लगवाने के बाद पंप सेट स्थापित करवाते हैं तो कुल लागत पर उन्हें 9000/- रुपए दिए जाते हैं।
  • बोरिंग लगने के बाद अगर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और सामान्य जाति के किसान पंप स्थापित करने के स्थान पर HDPE पाइप खरीदते हैं तो इस पर भी अनुदान उन्हे दिया जाएगा|
  • यदि किसान 90mm साइज का HDPE पाइप 30-60 मीटर खरीदते हैं तो उसकी कुल लागत पर 50% का अनुदान 3000/- रुपए दिया जाएगा|
  • किसान नाबार्ड बैंक से ऋण लेकर या फिर रजिस्टर्ड जिलेवार पंपसेट डीलर से भी अनुदान के साथ पंपसेट को खरीद सकता है।
  • सिर्फ ISI मार्क वाले पंपसेट खरीदने पर ही लाभार्थी को अनुदान का लाभ दिया जाएगा|
  • पहले योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा नहीं थी, लेकिन साल 2021 से किसान घर बैठे ही योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  • किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य से सभी आवेदनकर्ता किसानों को योजना से जोड़ने का प्रयास किया गया है। इस वर्ष (2021) सरकार द्वारा बोरिंग/नलकूप की संख्या को निर्धारित नहीं किया गया है|
  • वर्ष 2021 में इस योजना के नाम में परिवर्तन कर दिया गया है। पहले इसे निशुल्क बोरिंग योजना के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसका नाम वदल कर उथले बोरिंग योजना (Uthle Boring Yojana) कर दिया गया है ।
UP निशुल्क बोरिंग योजना की मुख्य विशेषताएँ
  • खेत मे बोरिंग लग जाने से किसान समय पर खेत मे मौजूद उपज को पानी दे सकेंगे जिससे किसानों के फसलो की पैदावार अच्छी होगी।
  • फ्री बोरिंग की सुविधा मिलने से अब किसानों को बारिश या नहर के पानी पर निर्भर नही रहना पडेगा|
  • कृषक के नाम से कृषी योग्य भूमि दर्ज होने पर ही निःशुल्क बोरिग का लाभ प्राप्त किया जा सकेगा|
  • इस योजना से किसानो की आय मे सुधार होगा|
  • किसानो को आत्म-निर्भर व सशक्त वनाया जाएगा|
  • किसानो की सीथति राज्य मे मजबूत होगी|
UP निःशुल्क बोरिंग योजना के लिए कैसे करें आवेदन

UP Nishulk Boring Yojana

UP Nishulk Boring scheme

  • अब आपको आवेदन पत्र के विकल्प पे किलक करना होगा| 
  • जैसे ही आप आवेदन पत्र वाले विकल्प पे किलक करोगे तो आपके सामने आवेदन फार्म PDF Format मे खुलके आएगा|

UP Nishulk Boring scheme form

  • सवसे पहले आपको ये फार्म डाउनलोड करना होगा| उसके बाद आपको इसका प्रिंट आउट लेना है|
  • अब आपको इस फार्म मे दी गई सारी जानकारी दर्ज करनी होगी और जरूरी दस्तावेज भी फार्म के साथ अटैच करने होंगे|
  • सारी प्रक्रिया होने के बाद आपको यह आवेदन फार्म नजदीकी लघु सिंचाई विभाग में जाकर जमा करवा देना है|
  • इस तरह आपके दवारा UP निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत सफलतापूर्वक आवेदन कर दिया जाएगा|

आशा करता हूं आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी| आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेट और लाइक जरूर करें

Last Updated on April 28, 2022 by Abinash

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