हिमाचल सामुदायिक वन संवर्धन योजना | पूरी जानकारी | कैसे मिलेगा लाभ

हिमाचल सामुदायिक वन संवर्धन योजना | Himachal Community Forest Promotion Scheme

 

हिमाचल प्रदेश सरकार दवारा ग्रामीण समुदायों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ वनाने के लिए सामुदायिक वन संवर्धन योजना को शुरु किया गया है। इस योजना के तहत व्यवसायिक उपयोगिता वाले पौधों की किस्में रोपित की जाएंगी, ताकि ग्राम समुदायों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

 इनमें अनारदाना, चिलगोजा, बुरांस फूल, काफल पैदा करने वाले पौधों से लेकर बांस आधारित उद्योगों के लिए बांस के पौधे, चूली तथा औषधीय गुणों से युक्त हरड़, बेहड़ा व आंवला के पौधे शामिल हैं। इससे ग्रामीण लोगों को बालन व इमारती लकड़ी के अतिरिक्त पशु चारा तथा औषधीय उपयोग के लिए भी उत्पाद को प्राप्त किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक चयनित उपयोगकर्ता समूह को गांव के समीप अधिकतम 50 हेक्टेयर तक वन भूमि 25 वर्षों तक सौंपी जाएगी। ताकि वन मण्डलाधिकारी दवारा प्रत्येक चयनित समिति के लिए भूमि का चयन किया जा सके। भूमि बैंक के विकास व प्रबंधन के लिए संयुक्त वन प्रबंधन समितियों दवारा वन प्रबंधन के लिए योजना तैयार की जाएगी। फिर वन विभाग द्वारा इस योजना के अंतर्गत ग्राम समूह आयोजक को मानदेय के रूप में 2000/- रुपए प्रतिमाह दिए जाएगें। योजना को बेहतर रुप से चलाने तथा भूमि बैंक के लिए वन मुख्यालय स्तर पर एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। यह नोडल अधिकारी संबंधित वन मण्डलाधिकारी के माध्यम से सम्पर्क बनाएगा। इसमें वन रक्षक भी मार्गदर्शन करेंगे। इस योजना से क्षेत्र में जल संरक्षण गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। इनमें चैक डैम, जल संग्रहण ढांचों और जलागमों के माध्यम से जल स्रोतों व जलधाराओं को फिर से उत्पन्न करने में सहायता मिलेगी । वनों की आग पर नियंत्रण व जंगली जानवरों के शिकार पर रोक लगाने के उपायों में ग्राम समुदायों की सहभागिता भी सुनिश्चित होगी।

वन सम्वर्द्धन योजना के कार्यान्वयन के लिए वन विभाग द्वारा आगामी पांच वर्षों के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है, जिस पर लगभग 40 लाख 49 हजार रुपए खर्च किए जाएगें। प्रारम्भिक स्तर पर योजना के लिए भूमि का चयन कर संयुक्त वन प्रबंधन समिति, जसौड़ के माध्यम से लैंटाना घास उखाड़कर इसके स्थान पर उपयोगी पौधों का रोपण किया जाएगा। इस योजना से हरित क्षेत्र में वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी  सुधार आना संभव है।

उद्देश्य | An Objective

हिमाचल सामुदायिक वन संवर्धन योजना का मुख्य उद्देश्य वनों की गुणवत्ता में सुधार व वन आवरण में वृद्धि कर, ग्रामीण समुदायों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाना है।

महत्वपूर्ण दस्तावेज | Important Document

  • आधार कार्ड
  • स्थायी प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • रजिस्ट्ड मोबाइल नम्वर

लाभ | Benefits

  • सामुदायिक वन संवर्धन योजना का लाभ हिमाचल प्रदेश के स्थायी लोगों को प्राप्त होगा।
  • इस योजना के तहत चयनित उपयोगकर्ता समूह को गांव के समीप अधिकतम 50 हेक्टेयर तक वन भूमि 25 वर्षों तक सौंपी जाएगी।
  • वन विभाग द्वारा आगामी पांच वर्षों के लिए एक कार्य योजना वनाई की गई है, जिस पर 40 लाख 49 हजार रुपए खर्च किए जाएगें।
  • इस योजना के लिए भूमि का चयन कर उपयोगी पौधों का रोपण किया जाएगा।
  • इस योजना के अंतर्गत ग्राम समूह आयोजक को मानदेय के रूप में 2000/- रुपए प्रतिमाह दिए जाएगें।
  • इस योजना को सुचारु रुप से चलाने के लिए नोडल अधिकारी को भी नियुक्त किया जाएगा।
  • इस योजना से जल संरक्षण गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • इस योजना से वनों की आग पर नियंत्रण व जंगली जानवरों के शिकार पर रोक लगाई जाएगी।
  • इस योजना से जल स्रोतों व जलधाराओं को उत्पन्न करने में मदद मिलेगी।
  • इस योजना से ग्राम समुदायों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ वनाया जाएगा।

आशा करता हूं आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी। आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेंट और लाइक जरुर करें।