|| प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बांस मिशन योजना | National Bamboo Mission Scheme | राष्ट्रीय बांस मिशन योजना | PM National Bamboo Mission Yojana | NBM Scheme Apply Online || किसानो की आय मे सुधार करने और देश के युवाओं को रोजगार से जोडने के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन योजना को लागु किया गया है। जिसके तहत बांस की लकड़ियों के उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए सरकार दवारा किसानों को एक बांस का पौधा लगाने पर 120 रुपये तक का अनुदान दिया जाता है। बांस के द्वारा फर्नीचर से लेकर सामग्री/निर्माण कपड़ा, भोजन, ऊर्जा उत्पादन, हर्बल दवा आदि वनाई जाएगीं। जिससे वडी संख्या मे रोजगार उत्पन्न होगा। कैसे मिलेगा योजना का लाभ, कौन-कौन योजना के लिए पात्र हैं और योजना के अंतर्गत आवेदन कैसे किया जाएगा। ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढना होगा। तो आइए जानते हैं – राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के वारे मे।
National Bamboo Mission Scheme
केंद्र सरकार दवारा बांस की खेती से लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलव्ध करवाने के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन योजना को शुरु किया गया है। जिसके अंतर्गत प्लास्टिक के उपयोग को कम करके बास के द्वारा बहुत सारे पदार्थ बनाए जाएगें और सरकार बांस के रोपण को प्रोत्साहित करेगी। जिसमे किसानों को एक बांस का पौधा लगाने पर 120 रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति इसका बिजनेस करना चाहता है तो उसे सरकार की तरफ से सब्सिडी के तौर पर अनुदान दिए जाने की व्यवस्था भी की गई है । बांस के द्वारा फर्नीचर भी बनाए जा सकते हैं, जो लोगो की आमदनी को बढाएगें और उन्हे बेरोजगारो को रोजगार से जोडेगें। योजना का लाभ लाभार्थी ऑनलाइन पंजीकरण करके प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्य तथ्य
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत एक हैक्टेयर में लगभग 15 से 2500 बांस के पौधे लगाए जा सकते हैं , एक से दूसरे पौधे की बीच की दूरी लगभग 2.5 मीटर की होती है। एक हेक्टेयर में तकरीबन 1500 पौधे लगाए जा सकते हैं। इस संख्या को बढाया भी जा सकता है अगर पौधों की बीच की दूरी को कम कर दिया जाए। इस बीच की दूरी में आप फसल भी उगा सकते हैं और 4 साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपए की कमाई आसानी से की जा सकती है। आपने जो अतिरिक्त पौधे लगाए हैं उससे भी आपकी कमाई होगी । बांस की खेती में सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमे आपको हर साल प्लांटेशन नहीं करनी होती है, बांस की खेती लगभग 40 वर्ष तक चलती है ।
योजना का अवलोकन
योजना का नाम | राष्ट्रीय बांस मिशन योजना |
किसके दवारा शुरू की गई | भारत सरकार दवारा |
लाभार्थी | देश के नागरिक |
प्रदान की जाने वाली सहायता | बांस की लकड़ियों के उत्पाद को बढ़ावा देना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | nbm.nic.in |
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी
- राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के अंतर्गत एक आंकड़े के अनुसार 3 वर्षों में औसतन ₹240 प्रति प्लांट की लागत आती है जिसके तहत सरकार द्वारा ₹120 प्रति प्लांट किसानों को सब्सिडी के रूप में देती है।
- नॉर्थ ईस्ट को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में बांस की खेती के लिए सरकार 50 फ़ीसदी रकम का भुगतान करती है और 50 फ़ीसदी रकम किसान को अपनी ओर से देनी होती है।
- किसानों को जो 50 फ़ीसदी की सब्सिडी दी जाएगी उसमें 60 फ़ीसदी की सब्सिडी केंद्र सरकार की और 40 फ़ीसदी की सब्सिडी राज्य सरकार दवारा देय होगी। जबकि नॉर्थ ईस्ट के इलाकों के लिए यह रकम 60 फ़ीसदी सरकार की ओर से व 40 फ़ीसदी किसान की ओर से देय होगी।
- नार्थ ईस्ट के किसानों को 60 फ़ीसदी सब्सिडी मिलेगी जिसमे से 90 फ़ीसदी का भुगतान केंद्र सरकार के द्वारा और 10 फ़ीसदी का भुगतान राज्य सरकार के द्वारा कियदी जाएगी ।
- हर जिले में नोडल अधिकारी बनाया गया है, जिसके माध्यम से योजना से संवधित जानकारी को प्राप्त किया जा सकता है।
बांस के दवारा फर्नीचर वनाकर होगी अच्छी कमाई
बांस के द्वारा अच्छे से अच्छे फर्नीचर बनाए जा सकते हैं। बांस का उपयोग भवन निर्माण सामग्री/निर्माण के रूप में किया जाता है। इसके अलावा निर्माण, फर्नीचर, कपड़ा, भोजन, ऊर्जा उत्पादन, हर्बल दवा आदि मे भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। गही सजावट के सामान, इयरबड्स अन्य उत्पादों को बनाने में बांस की लकड़ी को तरजीह दी जा रही है। प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने के लिए बांस के द्वारा बनाई गई इन चीजों का इस्तेमाल भी काफी बढ़ रहा है। जिससे लोग इसे पसंद भी कर रहे हैं। इसके अलावा वेरोजगारो को रोजगार तथा आमदनी को वढाने मे ये योजना काफी फायदेमंद सावित हो रही है। आने वाले समय मे भारत मे बांस के दवारा वनाए गए प्रोडेक्ट दूसरे देशो को बेचे जाएगें और लोगो को रोजगार के लिए दूसरे देशो का रुख नहीं करना पडेगा। ऐसे मे लोगो की भारत मे रह कर ही अच्छी कमाई होगी।
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य
बांस की लकड़ियों के उत्पाद को बढ़ावा देकर प्लास्टिक के सामान से लोगों की निर्भरता कम करना है।
National Bamboo Mission Scheme के लिए पात्रता
- देश के स्थायी निवासी
- किसान / वेरोजगार
- नौकरी की तलाश करने वाले आवेदक
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
- आधार कार्ड
- स्थायी प्रमाण पत्र
- जमीनी दस्तावेज
- बैंक खाता
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नम्बर
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के लाभ
- बांस की खेती से लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया होगा।
- लोगो को बांस की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- प्लासिट्क के उपयोग को कम किया जाएगा।
- इस योजना से गांवों से शहरों की ओर हो रहे पलायन पर भी रोक लगेगी।
- किसान गांव में बंजर भूमि पर खेती कर उसे उपजाऊ वनाएगें।
- अन्य संबंधित सामग्री के लिए बैंक से लोन मिलेगा, जिस पर किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।
- राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के अनुसार किसानों को सब्सिडी तीन वर्ष में तीन किस्तों में दी जाएगी। पहले साल 60 फीसदी, दूसरे साल 30 फीसदी व तीसरे साल 20 फीसदी अनुदान दिया जाएगा।
- किसानों को बांस की खेती करने पर 50,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है औरछोटे किसानो को एक पौधे पर 120 रुपये की सब्सिडी देने का प्रावधान है|
- देश में इस समय 136 बांस कीप्रजातियों की खेती की जा रही है, जिनमें से 125 स्वदेशी और 11 विदेशी प्रजातियां हैं।
- कृषि मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसारभारत हर साल 13.96 मिलियन टन बांस का उत्पादन भी करता है।
- बांस की खेती 03 से 04 साल में तैयार होती है और किसान चौथे साल में इसकी कटाई शुरू कर सकते हैं।
- बांस का पौधा तीन-चार मीटर की दूरी पर लगाया जाता है इसलिए इसके बीच की जगह पर खेती की जा सकती है।
- इसकी पत्तियां पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल हो सकती हैं।
- बांस के पौधों के लिए किसी खास तरह की उपजाऊ जमीन की आवश्यकता नहीं होती| इसकी खेती कहीं भी की जा सकती है.
- बांस लगाने से फर्नीचर के लिए पेड नहीं कटेंगे, जिससे पर्यावरण की रक्षा होगी।
- भारत मे बांस के दवारा वनाए गए प्रोडेक्ट दूसरे देशो को बेचे जाएगें।
National Bamboo Mission Scheme की मुख्य विशेषताएं
- वन तथा गैर–वनीय क्षेत्रों में वाणिज्यिक आधार पर उच्च पैदावार वाले बॉंस रोपण को बढ़ाना
- गैर वन शासकीय एवं निजी क्षेत्र में बांस के वृक्षारोपण के क्षेत्र में वृद्धि करना।
- कृषि आय के पूरक के लिए भूमि और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन में योगदान के लिए।
- उद्योगों के लिए गुणवत्तापूर्ण कच्चे माल की आवश्यकता की उपलब्धता के लिए बांस की खेती को बढ़ावा देना।
- वृक्षारोपण को बढ़ावा देने का प्रयास करना।
- सामुदायिक भूमि, कृषि योग्य बंजर भूमि, और सिंचाई नहरों, जल निकायों पास बांस की खेती को बढ़ावा देना।
- जराजीर्ण बाँस रोपण, कीटनाशी तथा बाँस के रोग प्रबंधन का सुधार
- हस्तशिल्प, बाँस विपणन तथा निर्यात
- प्लासिट्क से वनी चीजों पर रोक
- अजीविका और रोजगार को वढावा मिलेगा।
- किसानो की आय मे होगा सुधार।
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के लिए कैसे करें आवेदन
- योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को अधिकारिक वेब्साइट पे जाना होगा।
- अब आपको आवेदन करने के लिए Farmer registration वाले ऑप्शन पे किल्क करना होगा।
- अब आपके सामने आवेदन फार्म खुल के आएगा। जिसमे आपको पुछी गई सारी जानकारी दर्ज करनी होगी। जैसे कि – अपने राज्य का चयन , जिला का चयन , और तहसील का चयन और अपने गांव का चयन आदि।
- उसके बाद आपको ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और किसान की कैटेगरी दर्ज कर पिन कोड डालना है।
- इस प्रक्रिया के वाद आपको Is Aadhaar card & Bank Account linked का एक ऑप्शन दिखाई देगा। अगर आपके आधार कार्ड के साथ आपका बैंक अकाउंट लिंक है तो आपको उस ऑप्शन पे टिक करके सबमिट कर देना है।
- जैसे ही आप सबमिट के बटन पे किल्क करोगे तो आपके दवारा योजना के अंतर्गत सफलतापूर्वक आवेदन कर दिया जाएगा।
आशा करता हूं आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी। आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेट और लाइक जरुर करें।