|| जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं | Land Registry : आवेदन प्रक्रिया | रजिस्ट्री फीस & नियम | जमीन किसी भी व्यक्ति की जिंदगी का अहम हिस्सा होता है, जो कभी खत्म नही होता है और उसके वंश के अनुसार आगे चलता रहता है। जिनके पास जमीन नही होती है, वह जमीन खरीदकर घर वना लेते हैं| जो लोग पहली बार कोई जमीन खरीदते है उनको यह पता नही होता है कि जमीन की रजिस्ट्री कैसे कराते हैं, इसके नियम क्या हैं और रजिस्ट्री फीस कितनी है| उसके लिए ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढना होगा| ताकि जो जमीन खरीदना चाहता है, उसे इस आर्टीकल के दवारा जमीन खरीदने के वारे मे सारी जानकारी मिल सके|
जमीन की रजिस्ट्री | Land Registry
प्रॉपर्टी खरीदने पर उसके मालिकाना हक को विक्रेता से क्रेता के पक्ष में ट्रांसफर करवाने की प्रक्रिया को रजिस्ट्री कहते हैं| मतलव किसी जमीन के मूल दस्तावेजों पर उसके विक्रेता मालिक का नाम हटाकर क्रेता मालिक के नाम को दर्ज कराना ही रजिस्ट्री है| इसके आधार पर ही जमीन की खरीद-फरोख्त प्रक्रिया चलती है| पान विकास योजना
Overview of the Land Registry
आर्टीकल का नाम | जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं |
विभाग | राजस्व विभाग |
लाभार्थी | देश के नागरिक |
प्रदान की जाने वाली सहायता | जमीन की रजिस्ट्री करवाने की प्रक्रिया को आसान वनाना है| |
जमीन रजिस्ट्री के बाद कितना लोन मिलता है | जमीन कि कीमत के आधार पर 80% तक का लोन | |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन / ऑफ़लाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | shcilestamp.com |
जमीन की रजिस्ट्री करवाने का उद्देश्य
जमीन खरीदने वाले व्यकित को उसका मालिकाना हक दिलाना है|
जमीन की रजिस्ट्री के नियम | Land Registry Rules
- पावर ऑफ़ अटॉर्नी के साथ ही आवासीय प्रमाण पत्र को साथ में लगाना अनिवार्य है।
- जमीन को बेचते समय व्यक्ति को अपने हाथ की सभी उँगलियों के निशान देने होंगे|
- जिस भी व्यक्ति के द्वारा जमीन को बेचा जा रहा है, उस व्यक्ति की रजिस्ट्री के दौरान जो कागज जमा करवाएं हैं उनमे उसका नाम, पति या पुत्र का नाम व उसका स्थाई पता सही होना चाहिए।
- अगर जमीन बेचने वाला व्यक्ति जमीन को बेचते समय कोई शर्त रखता है और जमीन लेने वाला फिर भी उस जमीन को खरीद लेता है तो उसको वह सभी शर्ते माननी ही होगी।
- जमीन की रजिस्ट्री के नियम हर राज्य के हिसाब से अलग अलग हो सकते हैं| जिसे जमीन खरीदने वाले व्यक्ति को मानना अनिवार्य होगा|
जमीन की रजिस्ट्री करवाने हेतु आवश्यक दस्तावेज
- पहचान पत्र
- खाता प्रमाण पत्र
- NOC – अनापत्ति प्रमाण पत्र
- जनरल पावर ऑफ़ अटार्नी
- अलॉटमेंट लैटर
- प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी लेटेस्ट रसीदें
- बैनामा
- जमीन विक्रेता के फोटोग्राफ और आईडी और जमीन खरीदने वाले के फोटोग्राफ और आईडी के साथ ही 02 गवाहों के फोटोग्राफ और आईडी आदि
जमीन की रजिस्ट्री करवाते समय ध्यान देने योग्य मुख्य वातें
- फ्रॉड प्रॉपर्टी डीलर से रहे सावधान
- विज्ञापनों पर अधिक विश्वास न करें
- नकली कीलों से रहना होगा सावधान
- प्रॉपर्टीका भाव पता करे
- जमीन या प्लॉट के असली मालिक का पता करे
जमीन की रजिस्ट्री कैसे करवाएं | How to Get the land Registered
जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए आवेदक को निम्नलिखित चरणों से होकर गुजरना पड़ता है, जो कुछ इस प्रकार है –
- जमीन की वैल्यू निर्धारित करना – आप जो भी जमीन को खरीदना चाहते हैं, उसके लिए उसकी रजिस्ट्री करवाने से पूर्व आपको यह सुनिश्चित करना है कि उस जमीन की मार्किट वैल्यू कितनी है। इसके साथ ही आपको यह पता भी होना चाहिए कि उस क्षेत्र में जमीन का सरकारी मूल्य कितना है|
- स्टैम्प ड्यूटी पेपर बनवाना – स्टैम्प ड्यूटी पेपर एक तरह का जमीन के मालिक का सबूत होता है। उसके लिए जमीन के खरीदार को यह पेपर खरीदने होता है| इन पेपरस के मूल्य को हर राज्य के हिसाब से तय किया जाता है। जमीन खरीदेते समय आवेदक को इन कागजों की जरूरत पडती है। जिसे कोर्ट या वकील से खरीदा जा सकता है| आप ऑनलाइन भी स्टैम्प ड्यूटी पेपर को खरीद सकते हैं। इसके लिए आपको stemp.com या www.shcilestamp.com आदि वेबसाइट पर जाकर इन पेपर को डाउनलोड कर लेना है|
- जमीन खरीदने और बेचने से संबंधित जरूरी कागज – जमीन की रजिस्ट्री के तीसरे चरण के दौरान आवेदक को कोर्ट में जा कर के वकील से एक ऐसा कागज बनवाना होगा जिस में जमीन का विक्रेता यह लिखेगा की मैंने यह जमीन पूर्ण रूप से नामित व्यक्ति को दे दी है या उसके नाम कर रहा हूँ। इसके उसे इस कागज मे अन्य औपचारिक भी बाते भी लिखनी होगी। जो यह सुनिश्चित करने का प्रमाण होंगी कि अब जमीन का मालिक बदला जा चूका है और जमीन को तय की गई राशि के अनुसार बेचा गया है।
- सब– रजिस्ट्रार दवारा कि जाएगी रजिस्ट्री – इस प्रक्रिया के बाद आवेदक को जमीन बेचने से जुड़े सभी कागजों को लेकर रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाना होगा। वहाँ पे जमीन बेचने और खरीदने वाले व्यक्ति को एक साथ रहना होगा। इसके साथ ही 02 अन्य व्यक्तियों को भी मौके पर पेश होना होगा। जो उस समय के गवाह के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगे। इन दोनों गवाहों के पास सरकारी तौर से बने हुए पहचान पत्र होने चाहिए जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि। उसके बाद रजिस्ट्रार के पास सभी कागजों को जमा करना होगा| फिर आपको पुष्टि के आधार पर एक रसीद दी जाएगी। जिसे आपको भविष्य मे संभालकर रख लेना है|
- अब रजिस्ट्री प्राप्त कर लें– इन सब चरणों के बाद आवेदक द्वारा पेश किये गए सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जाएगी। जिन्हे देखने के बाद रजिस्ट्रार द्वारा यह निर्णय लिया जायेगा, कि जमीन खरीदने के लिए आप स्थाई रूप से हकदार बन चुके हैं। उसके लिए आपको कुछ दिनों में अपनी जमीन से जुड़ी रजिस्ट्री रजिस्ट्रार के कार्यलय से प्राप्त कर लेनी है। उसके बाद जमीन आपके नाम हो जाएगी|
रजिस्ट्री कराने के लिए आवेदन फीस
रजिस्ट्री करवाने के लिए आवेदक को वकील की फीस 3500 से 5000 के बीच में देनी होती है| गांव में जमीन खरीदने पर सर्किल रेट या जमीन का सरकारी रेट का 4-5% स्टाम्प शुल्क आवेदक को देना होता है। मान लीजिए किसी जमीन का सर्किल रेट 100,000/- है, तो आपको 5000/- रूपये स्टाम्प चार्ज देना होगा। जवकि शहर में जमीन खरीदने पर सर्किल रेट का 6-7% स्टाम्प शुल्क लाभार्थी को देना होता है।
जमीन की रजिस्ट्री कराने में कितना समय लगता है | How long does it take to Registry
रजिस्ट्री कराने में ज्यादा से ज्यादा 5 से 7 दिन का समय लगता है|
स्टैंप ड्यूटी रेट कैसे चेक करें | How to Check Stamp Duty Rate?
- स्टैंपड्यूटी रेट चेक करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट पे जाना होगा|
- अब आपको अपने राज्य का चुनाव करना है|
- फिर आपको Property Value Rate भरना होगा|
- इसके बाद आपको Calculate के आप्शन पर किलक कर देना है।
- जैसे ही आप Calculate के आप्शन पर किलक करोगे तो आपको स्टाम्प ड्यूटी पता चल जाएगी।
- इस प्रक्रिया का पालन करके आप स्टैंप ड्यूटी रेट चेक कर सकोगे|
किन–किन विलेख से जमीन को ट्रांसफर किया जाता है
- बैनामा (Sale Deed) – क्रेता और विक्रेता को मिलकर तहसील में जमीन खरीदने और बेचने के लिए बैनामा तैयार करवाना पडता है| जो एक तरह से दोनों पार्टियों (क्रेता-विक्रेता) द्वारा किये गए समझौते का कानूनी विलेख होता है| इसमें क्रेता-विक्रेता की समस्त जानकारी, संबंधित जमीन, नक्शा, गवाह, स्टांप आदि होती है| इस बेनामे की सहायता से समझौते की उन शर्तों को शामिल किया जाता है, जिन पर बिक्री निर्धारित हुई है| जिसके जरिए ही विक्रेता क्रेता को जमीन का अंतिम कब्जा मिलता है|
- दानपत्र (Gift Deed) – दानपत्र में जमीन का मालिक किसी को जमीन का मालिकाना हक दान के रूप में प्रदान करता है| एस एमे दानपत्र के जरिए लोग अपनी जमीन का हस्तांतरण किसी अन्य को कर सकते हैं|
- वसीयत (Will)- किसी जमीन की वसीयत करने के लिए लोगों को स्टांफ खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है| लोग 100 रुपये के स्टांप पर वसीयत टाइप करा सकते हैं| हालांकि कानून में इसकी जरूरत नहीं है|
- पॉवर ऑफ अटार्नी (Power Of Attorney)- पॉवर ऑफ अटॉर्नी प्रमुख दस्तावेज है| यह दस्तावेज 100 रुपये के स्टांप पर तैयार किया जाता है| कोई भी आदमी अपनी पॉवर को किसी दूसरे आदमी को इसी के सहारे ट्रांसफर कर सकता है|
आशा करता हूँ आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी| आर्टीकल अच्छा लगे तो कॉमेट और लाइक जरूर करे|