|| National Logistics Policy Scheme | राष्ट्रीय रसद नीति | National Logistics Policy Application Process || भारत के व्यापारिक उद्योग को बढावा देने के लिए राष्ट्रीय रसद नीति योजना को लागु किया गया है| इस योजना के जरिए देश में रसद की लागत को कम किया जाएगा| ये योजना देश की रसद प्रदर्शन सूचकांक रैंकिंग में सुधार करने में मदद करेगी, जिसका लक्ष्य 2030 तक भारत को शीर्ष 25 देशों में लाने का होगा| कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ | ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढना होगा| तो आइए जानते हैं – राष्ट्रीय रसद नीति योजना के वारे मे|
National Logistics Policy Scheme
भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी दवारा राष्ट्रीय रसद नीति योजना की शुरुआत की गई है| इस योजना के अंतर्गत कोविड से प्रभावित अर्थ व्यवस्था को रफ्तार मिलेगी| जिससे सामानों की सप्लाई में आने वाली समस्याओं को हल किया जा सकेगा और साथ ही माल ढुलाई में होने वाली ईंधन की खपत को कम करने की दिशा में भी फायदा होगा| इस पॉलिसी के लागू होने से लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को भी मजबूती मिलेगी और इस पर खर्च भी कम हो जाएगा|
योजना के मुख्य बिन्दु
- राष्ट्रीय रसद नीति योजना के लिए सिंगल रेफरेंस पॉइंट बनाया गया है जिसका मकसद अगले 10 सालों में लॉजिस्टिक्स सेक्टर की लागत को 10% तक लाने का है, जो अभी GDP का 13-14 प्रतिशत है|
- फिलहाल माल ढुलाई यानी लॉजिस्टिक्स का ज्यादातर काम भारत में सड़कों के ज़रिए होता है|
- इस पॉलिसी के तहत अब माल ढुलाई का काम रेल ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ शिपिंग और एयर ट्रांसपोर्ट से होगा|
- इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा और दूसरे ईंधन की बचत होगी| पैसे और समय दोनों कम लगेंगे|
- नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी भारत में रसद पारिस्थितिकी तंत्र की दक्षता बढ़ाने के लिए एक व्यापक प्रयास है। ऐसे में नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी सभी सेक्टर्स के लिए नई ऊर्जा लेकर आई है।
- घरेलूऔर निर्यात दोनों बाजारों में भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा में सुधार के लिए भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना अनिवार्य है।
- बता दें कि विश्व बैंक लॉजिस्टिक्स इंडेक्स 2018 के मुताबिक दुनिया के बड़े देशों के मुकाबले भारत माल ढुलाई के खर्च के मामले में 44 वें स्थान पर है|
- भारत विकसित देशों अमेरिका-चीन-जापान जैसे देशों से बहुत पीछे है|
- लॉजिस्टिक्स के खर्च के मामले में जर्मनी नंबर वन है यानी वह माल ढुलाई में सबसे कम खर्च करता है|
राष्ट्रीय रसद नीति योजना का अवलोकन
योजना का नाम | राष्ट्रीय रसद नीति योजना |
किसके दवारा शुरू की गई | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
सबंधित मंत्रालय | वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय |
प्रदान की जाने वाली सहायता | देश की अर्थव्यवस्था मे सुधार लाना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
योजना का उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य अंतिम छोर तक त्वरित वितरण’ करना है, साथ ही परिवहन से संबंधित चुनौतियों को समाप्त करना है।
राष्ट्रीय रसद नीति योजना के पहलु
- ये योजना उन व्यापक श्रेणी की सुविधाओं को संदर्भित करती है जो वाणिज्यिक गतिविधि के लिए आवश्यक हैं।
- इन प्रतिष्ठानों में माल के परिवहन, भंडारण अवसंरचना दोनों के लिए परिवहन सेवाएं शामिल हैं जो विशेष रूप से खाद्य उत्पादों, फलों और सब्जियों सहित खराब होने वाले उत्पादों के व्यापार के लिए महत्वपूर्ण हैं, और सरकारी सेवाओं के कुशल संचालन जो वाणिज्यिक गतिविधि का समर्थन करते हैं, जैसे लाइसेंसिंग और मानदंड।
- राष्ट्रीय रसद नीति इसलिए बनाई गई है, ताकि भारतीय रसद क्षेत्र आर्थिक विकास का प्रमुख चालक बन सके।
- यह व्यवसायों, सरकारी एजेंसियों और समाज को समग्र रूप से एक साथ बेहतर और अधिक निकटता से बनाकर किया जाएगा।
- भारत की रसद लागत सकल घरेलू उत्पाद का 13% है। विकसित देशों में यह समस्या नहीं है।
- उच्च रसद लागत भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को कम करती है। गुजरात, पंजाब और हरियाणा विभिन्न राज्यों की रैंकिंग में शीर्ष पर हैं। लेकिन हमें काफी सुधार की जरूरत है।
लॉजिस्टिक्स सर्विसेज प्लेटफॉर्म
राष्ट्रीय रसद रणनीति के अनुसार, एक नई ऑनलाइन साइट जिसे रसद सेवाओं की आसानी के रूप में जाना जाता है – ई-लॉग शुरू किया गया है। “इस मंच के माध्यम से, उद्योग संगठन ऐसे किसी भी मुद्दे को सीधे सरकारी संस्थाओं के साथ उठा सकेंगे जो उनके संचालन और प्रदर्शन में कठिनाइयाँ पैदा कर रहे हैं। मोदी जी के अनुसार, “ऐसे मामलों के त्वरित समाधान के लिए एक व्यापक ढांचा तैयार किया गया है, जो भारत को विकसित करेगा|”
रसद क्षेत्र में आने वाली प्रमुख चुनौतियां
- अवसंरचनात्मक अड़चनें
- ईंधन की लागत और नीतिगत परिवर्तन
- उच्च रसद लागत
- व्यापार विनियम
- खराब भंडारण
- अनुसंधान और विकास की कमी
रसद क्षेत्र में सुधार लाने के लिए प्रमुख कदम
- लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा प्रदान करना
- रसद प्रभाग को मजबूत करना
- रसद दक्षता में सुधार की दिशा में कुछ प्रक्रिया से संबंधित सुधार
- बुनियादी ढांचे की पहल
- डिजिटल/तकनीकीपहल
रसद क्षेत्र का महत्व
- वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की पहल इंडियन इन्वेस्टमेंट ग्रिड द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का मूल्य 2019 में 160 बिलियन अमरीकी डालर था, और 2022 के अंत तक, इसका मूल्य 215 बिलियन अमरीकी डालर हो जाएगा। जिसमे से 10% की CAGR से ग्रोथ की उम्मीद जताई जा रही है|
- विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक के अनुसार, भारत की रैंकिग 2014 में 54 थी और 2018 में ये 44 हो गई है।
- रसद क्षेत्र दवारा 2022 तक 3 मिलियन नई नौकरियां पैदा की जाने की उम्मीद है, जिसमे से अकेले सड़क माल ढुलाई उद्योगो दवारा लगभग 63% या 9 मिलियन नई नौकरियों का योगदान दिया जाता है|
- रसद उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भारत के बुनियादी ढांचे के क्षेत्र के लिए एक समग्र सकारात्मक संभावना और अवसर प्रदान करेगा|
राष्ट्रीय रसद नीति योजना के लाभ
- योजना के जरिए 5 वर्षों में, कार्यक्रम को भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 15% से 8% तक रसद लागत को कम करना है।
- भारत को निर्यात और घरेलू उत्पाद दक्षता को बढ़ावा देने के लिए रसद लागत को कम करना चाहिए। कम रसद लागत कई उद्योगों में दक्षता को बढ़ावा देगी|
- सरकार का लक्ष्य 2030 तक लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) में शीर्ष 25 देशों में शामिल होना है।
- NLP में यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म शामिल होगा। यह निर्यातकों के समय और संसाधनों की बचत करते हुए परिवहन से संबंधित ऑनलाइन सेवाओं को एक एकीकृत मंच में एकजुट करेगा।
- लॉजिस्टिक सेवाओं में आसानी से कंपनियां सवालों और शिकायतों के साथ सरकारी एजेंसियों से तुरंत संपर्क कर सकेंगी।
- भारतीय रसद असंरचित है फिर भी बड़ा है। नीति का उद्देश्य देश में ब्लॉकचेन और AI अपनाने को बढ़ावा देना और मेगा-मार्केट को व्यवस्थित करना है।
- प्रत्येक भारतीय राज्य को एक रसद समन्वय समिति की आवश्यकता होती है। लीड्स इंडेक्स का उपयोग करके प्रत्येक राज्य के प्रदर्शन का सालाना मूल्यांकन किया जाएगा।
- केंद्र सरकार रसद दक्षता में सुधार के लिए एक खाका देगी, जिससे राज्यों को अपने स्वयं के सिस्टम बनाने की अनुमति मिल जाएगी।
- इस क्षेत्र में 20 प्रमुख और 40 अधीनस्थ सरकारी एजेंसियां शामिल हैं।
- वितरण नेटवर्क को बेहतर ढंग से एकीकृत करके, यह रणनीति लॉजिस्टिक्स और इन्वेंट्री लागत को बचाएगी और बाधाओं को कम करते हुए जवाबदेही में सुधार करेगी।
- देशभर में 35 स्थानों की पहचान करने वाले मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क की मदद से विकास के नए केंद्र बनाए जाएंगे।
- आर्थिक क्षेत्रों को इंटरमॉडल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान करके पीएम मोदी की गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान को मजबूत किया जा सकेगा|
योजना की मुख्य विशेषताऐं
- डिजिटल एकीकरण प्रणाली
- यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म
- लॉजिस्टिक्स सेवाओं में आसानी
- व्यापक लॉजिस्टिक्स कार्य योजना
राष्ट्रीय रसद नीति योजना के लिए कैसे करे आवेदन
जो लाभार्थी योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहते हैं, उन्हे थोड़ा इंतजार करना होगा| अभी योजना को शुरू करने की घोषणा की गई है| जैसे ही योजना के सवन्ध मे आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी, तो हम आपको तुरंत सूचित कर देंगे|
राष्ट्रीय रसद नीति का लक्ष्य
दुनिया की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक Logistics Performance Index (LPI) में शीर्ष 10 में शामिल होना है। उसे दक्षिण कोरिया की विकास गति की बराबरी करनी होगी और GDP मे 2030 तक लगभग 8 प्रतिशत तक की कमी करनी होगी|
आशा करता हूँ आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी| आर्टीकल अच्छा लगे तो कॉमेट और लाइक जरूर करे|