प्रधानमंत्री FME योजना | 9 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार | पूरी जानकारी

PM FME Yojana | PM FME योजना | PM Formalization of Micro Food Processing Enterprises yojana | कैसे मिलेगा लाभ 

 

देश के बेरोजगार लोगों को रोजगार उपलव्ध करवाने और लोकल स्तर के उद्दोगों को बढावा देने के लिए प्रधानमंत्री FME योजना को लागु किया गया है। क्या है ये योजना और कैसे मिलेगा योजना का लाभ । आइए जानते हैं।             

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उपक्रम फॉर्मलाइजेशन योजना [PM FME] | PM Formalization of Micro Food Processing Enterprises yojana

 

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल दवारा कोरोना वायरस के कारण आर्थिक तंगी और बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार देने के लिए आत्म-निर्भर भारत अभियान के एक भाग के रुप में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उपक्रम फॉर्मलाइजेशन योजना की शुरुआत की गई है। योजना के तहत लोकल स्तर पर उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे हर राज्य में लोकल प्रोडेक्ट चुने जाएगें और बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार उपलव्ध होगा। सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उपक्रमों को औपचारिक क्षेत्र में लाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की लागत लगेगी। इसके अलावा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मजबूत करने से अपव्यय में कमी आएगी और किसानों की आय दोगुनी होगी।    

एक जिला, एक उत्पाद (ODOP) को अपनाया जाएगा | One District, One Product (ODOP) to be adopted

योजना के जरिए एक जिला, एक उत्पाद (ODOP) के क्लस्टर दृष्टिकोण को अपनाया जाएगा। इन उत्पादों में आम, आलू, लीची, टमाटर, कीनू, भुजिया, पेठा, पापड़, अचार, बाजरा आधारित उत्पाद, मछली पालन, मुर्गी पालन, मांस के साथ-साथ पशु आहार, आदि हो सकते हैं। जिन्में ओडीओपी उत्पादों का उत्पादन करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।

योजना के जरिए रोजगार सृजित होंगे | Employment will be generated through the scheme   

योजना के तहत 3500 करोड रुपये का निवेश होने पर 9 लाख कुशल और अर्ध-कुशल रोजगार सृजित होंगे जिससे अगले 05 वर्षों में सूचना, प्रशिक्षण, बेहतर प्रदर्शन और औपचारिकरण तक पहुंच के माध्यम से 08 लाख इकाइयों को सीधा लाभ पहुंचेगा। रोजगार मिलने से लाभार्थीयों का आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।     

रोजगार में 74% योगदान | 74% contribution to employment

केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कहा कि लगभग 25 लाख इकाइयों वाले असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में रोजगार में 74% योगदान दिया जाता है। जिन्में से लगभग 66% इकाइयाँ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं और उनमें से करीब 80% परिवार-आधारित उद्यम हैं जो ग्रामीण परिवारों की आजीविका में सहायता करते हैं और शहरी क्षेत्रों में कम से कम पलायन करते हैं।

अनुपात विवरण | Ratio description

योजना के तहत उत्तर पूर्वी और हिमालयी राज्यों में सब्सिडी खर्च केंद्र और राज्यों द्वारा 90:10 के अनुपात में साझा किया जायेगा जबकि अन्य राज्यों और विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में यह अनुपात 60:40 तक रहेगा। अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, केंद्र द्वारा 100% व्यय किया जाएगा।

कर्ज पर सब्सिडी भी मिलेगी | Subsidy on loan will also be available

मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को उन्नयन के लिए 10 लाख रुपये तक के कर्ज पर सब्सिडी भी मिलेगी। प्रशिक्षण का काम निफटेम और आईआईएफपीटी के सहयोग से प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा राज्य स्तर के तकनीकी संस्थानों की भी मदद ली जायेगी। प्रशिक्षण के दौरान सूक्ष्म इकाइयों के लिए उत्पाद विकास, उपयुक्त पैकेजिंग और मशीनरी आदि शामिल होगी। जिसमें क्षमता निर्माण और अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

उद्देश्य | An Objective

प्रधानमंत्री FME योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में स्थानीय असंगठित खाद्य इकाइयों को सहायता प्रदान  करने हेतु सरकार द्वारा देश भर में 8 लाख इकाइयों को रोजगार देने और उत्पादकता में वृद्धि करना है।

पात्रता | Eligibility

  • देश के स्थायी निवासी
  • बेरोजगार लोग
  • किसान वर्ग   

योग्य इकाइयां | ELIGIBLE ENTITIES

खाद्य प्रोसेसर, एफपीओ / एफपीसी, सहकारी समितियां, व्यक्तिगत किसान, लाइसेंस प्राप्त कमीशन एजेंट, निर्यातक, राज्य विपणन / सहकारी संघ, खुदरा विक्रेता आदि फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण

फोकस | Focus

योजना क्षमता निर्माण और अनुसंधान पर विशेष ध्यान केंद्रित करती है।

समर्थन और प्रशिक्षण | SUPPORT AND TRAINING

  • राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (NIFTEM)
  • भारतीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान (IIFPT)
  • MoFPI के तहत दो शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के साथ-साथ राज्यों द्वारा चयनित राज्य स्तर के तकनीकी संस्थानों को सूक्ष्म इकाइयों के लिए इकाइयों, उत्पाद विकास, उपयुक्त पैकेजिंग और मशीनरी के प्रशिक्षण के लिए सहायता प्रदान करना ।

योग्य फसलें | ELIGIBLE CROPS

  • फल – आम, केला, अमरूद, कीवी, लीची, पपीता, खट्टे, अनानास, अनार, कटहल|
  • सब्जियां – फ्रेंच बीन्स, बिटर लौकी, बैंगन, शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, मिर्च (हरा), ओकरा, प्याज, आलू और टमाटर।

क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी | Credit Linked Capital Subsidy

  • व्यक्तिगत ज्ञान
  • सहकारिता
  • व्यक्तिगत कुटीर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए स्वसिडी   
  • राज्य की एजेंसियों या निजी उद्यम के माध्यम से सहायता प्रदान करना      

लाभ | Benefits

  • PM FMI योजना से 35000 करोड़ रुपये का कुल निवेश होगा|
  • योजना से 8 लाख यूनिट्स को लाभ पहुंचेगा।
  • 9 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
  • रोजगार मिलने से आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।     
  • किसानों की आय में सुधार होगा।
  • लोकल स्तर पर उद्दोगों को वढावा मिलेगा।
  • सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की अधारशिला को मजबूत करने से अपव्यय में कमी आएगी।
  • उन्नयन के लिए 10 लाख रुपये तक के कर्ज पर सब्सिडी मिलेगी।
  • ओडीओपी उत्पादों का उत्पादन करने पर मिलेगी प्राथमिकता।
  • परियोजना शुरू करने के लिए आवंटित पूंजी 40,000 रुपए प्रति स्‍वयं सहायता समूह सदस्य कार्यशील पूंजी और छोटे उपकरणों की खरीद के लिए प्रदान की जाएगी।
  • एफपीओ / एसएचजी / निर्माता सहकारी समितियों को मूल्य सीरीज के साथ पूंजी निवेश के लिए 35% का क्रेडिट लिंक्ड अनुदान के रुप में प्रदान किया जाएगा।
  • यह योजना को 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2020-21 से 2024-25 तक 05 वर्षों की अवधि में लागु की जाएगी।  

विशेषताएं | FEATURES

योजना से कुल 35,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 9 लाख कुशल और अर्ध-कुशल रोजगार सृजित होंगे।

आशा करता हूं आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी। आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेंट और लाइक जरुर करें।