|| Pranam Yojana | PM Promotion of Alternate Nutrients for Agriculture Management Scheme | Eligibility & Benefits || देश के किसानों को लाभ पहुचाने के लिए सरकार दवारा प्रणाम योजना को लागु किया गया है| जिसके माध्यम से खेतों में केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल को कम किया जाएगा, ताकि राज्यों को प्रोत्साहन दिया जा सके| कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ और इसके अंतर्गत आवेदन कैसे किया जाएगा| ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढना होगा| तो आइए जानते हैं – प्रणाम योजना के वारे मे|
PM Pranam Yojana
फर्टिलाइजर्स के उपयोग में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार दवारा PM प्रणाम योजना को शुरू किया गया है| इस योजना के अंतर्गत रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को कम किया जाएगा| इस योजना के लिए अलग से कोई बजट नहीं होगा| इसे विभिन्न योजनाओं के जरिए उर्वरक विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से फंड किया जाएगा|
जिसमे से सब्सिडी बचत की 50 फीसदी राशि पैसा बचाने वाले राज्य को अनुदान के रूप में दी जाएगी| इसके अलावा अनुदान का 70 फीसदी हिस्सा राज्य को जिला, ब्लॉक और ग्रामीण स्तर पर वैकल्पिक फर्टिलाइजर्स और वैकल्पिक फर्टिलाइजर्स प्रोडक्शन यूनिट्स में टेक्नोलॉजी अपनाने और बढ़ावा देने के लिए खर्च किया जाएगा| शेष 30 फीसदी का उपयोग जागरूकता पैदा करने और उर्वरक के उपयोग को कम करने में मदद करने वाले किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को पुरस्कृत और प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा| इस प्रक्रिया से सरकार राज्य में एक साल में रासायनिक खाद के इस्तेमाल में हुई बढ़ोतरी या कमी की तुलना पिछले 03 साल में उसकी औसत खपत से करेगी, जिसमे से डेटा की तुलना करने के लिए सरकार उर्वरक मंत्रालय के डैशबोर्ड iFMS का उपयोग करेगी|
PM PRANAM योजना का अवलोकन
योजना का नाम | प्रणाम योजना |
किसके दवारा शुरू की गई | भारत सरकार दवारा |
संबंधित विभाग | उर्वरक विभाग |
लाभार्थी | केंद्र सरकार और देश के किसान |
प्रदान की जाने वाली सहायता | केंद्र सरकार के ऊपर बढ़नए वाले रसायनिक उर्वरकों कि सब्सिडी के बोझ को कम करना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन / ऑफ़लाइन |
मुख्य उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के ऊपर बढ़ती हुई केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी के बोझ को कम करके किसानों को लाभ पहुचाना है|
योजना के मुख्य बिन्दु
- रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने 5 अगस्त को लोकसभा को बताया था कि पिछले 05 सालों में चार उर्वरकों – यूरिया, MPO (पोटाश का म्यूरेट), DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) और NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम) की आवश्यकता 2017-18 में 86 लाख मीट्रिक टन से 21 प्रतिशत बढी है, और 2021-22 में ये 640.27 लाख मीट्रिक टन (LMT) हो गई है|
- DAP ने 2017-18 में 77 LMT से 2021-22 में 123.9 LMT तक अधिकतम 25.44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी| जो भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला रासायनिक उर्वरक यूरिया है, जिसने 2017-18 में 298 LMT से 19.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जो 2021-22 में 356.53 हो गई है|
- इसी वात का ध्यान रखते हुए सरकारउर्वरकों या वैकल्पिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा दे रही है| जिसके लिए सरकार दवारा उर्वरकों की वैश्विक कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ी कीमतों से किसानों को बचाने के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी|
- मई में वित्त मंत्रालय ने इस साल 10 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त उर्वरक सब्सिडी की घोषणा की है|
- आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताविक, सरकार ने केंद्रीय बजट 2021-22 में उर्वरक सब्सिडी के रूप में 79,530 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो संशोधित अनुमान (RE) में बढ़कर40 लाख करोड़ रुपये हो गए हैं| 2021-22 में ये आंकड़ा 1.62 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है|
- 2022-23 में सरकार ने 05 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है| इस सवंध मे उर्वरक मंत्री ने कहा है कि साल के दौरान सब्सिडी का ये आंकड़ा 2.25 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा|
प्रणाम योजना के लिए पात्रता
- केंद्र सरकार और देश के किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हैं|
- इनके अलावा अन्य दूसरा इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं होगा|
PM प्रणाम योजना के लाभ
- इस योजना को देश भर में लागू करने के लिए केंद्र, राज्य सरकारों को प्रोत्साहन राशि देने का काम किया जाएगा|
- स्कीम के शुरू होने के बाद प्रनाम योजना को लेकर अलग से फंड को आवंटित नहीं किया जाएगा।
- स्कीम से जुड़े फंड का प्रबंधन मौजूदा फर्टिलाइजर सब्सिडी से ही किया जाएगा।
- एक वर्ष में यूरिया के रासायनिक उर्वरक उपयोग को कम करने की गणना की तुलना पिछले तीन वर्षों के दौरान यूरिया की औसत खपत से की जाएगी।
- इस योजना का कोई अलग बजट नहीं होगा और उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत “मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत” के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा।
- सब्सिडी बचत का 50% उस राज्य को अनुदान के रूप में दिया जाएगा जो पैसा बचाता है।
- योजना के तहत प्रदान किये गए अनुदान का 70% गाँव, ब्लॉक और ज़िला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों के तकनीकी अपनाने से संबंधित परिसंपत्ति सृजन के लिये उपयोग किया जा सकता है।
- शेष 30% अनुदान राशि का उपयोग किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को पुरस्कृत करने तथा प्रोत्साहित करने के लिये किया जा सकता है जो उर्वरक उपयोग को कम करने व जागरूकता पैदा करने में शामिल हैं।
- उर्वरक मंत्रालय के डैशबोर्ड, एकीकृत उर्वरक प्रबंधन प्रणाली (Integrated Fertilizer Management System-IFMS) पर उपलब्ध डेटा का उपयोग किया जाएगा।
विशेषताऐं
- रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना
- किसानों को जहरीले रासायनिक उर्वरकों से छुटकारा दिलाया जाएगा|
- जैव उर्वरकों और जैविक उर्वरकों के संयोजन के साथ उर्वरकों के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करना
PM प्रणाम योजना के लिए कैसे करे आवेदन
इस योजना के लिए फिलहाल आवेदन हेतु अभी कोई जानकारी प्राप्त नही है और न ही योजना के लिए अलग से कोई आधिकारिक वेबसाइट शुरू की गई है| क्योंकि अभी योजना को शुरू करने की घोषणा की गई है| आने वाले दिनों मे इस योजना के लिए जैसे ही कोई लेटेस्ट अपडेट मिलेगी, तो हम आपको तुरंत सूचित कर देंगे|
आशा करता हूँ आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी| आर्टीकल अच्छा लगे तो कॉमेट और लाइक जरूर करे|