|| बिहार मत्स्य फसल बीमा योजना | Matsya Fasal Bima Yojana | मुख्यमंत्री मत्स्य फसल बीमा योजना | Matsya Fasal Bima Scheme Online Registration | Application Form ||
बिहार के मुख्यमंत्री जी दवारा राज्य के किसानो को आत्म-निर्भर वनाने के लिए मत्स्य फसल बीमा योजना को लागू किया गया है| जिसके जरिये राज्य के इन किसानो को मछलियों के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार दवारा मदद प्रदान की जाती है| ताकि उन्हे आर्थिक तंगी का सामन न करना पडे| कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ और इसके अंतर्गत आवेदन कैसे किया जाएगा| ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढ्ना होगा| तो आइए जानते हैं – मत्स्य फसल बीमा योजना के वारे मे|
Bihar Matsya Fasal Bima Yojana
बिहार सरकार दवारा मछली पालन करने वाले लाभार्थीयों के हितो का ध्यान रखते हुए मत्स्य फसल बीमा योजना को शुरू किया गया है| जिसके माध्यम से राज्य के मछली पालकों को प्राकृतिक आपदा से होने वाली आकस्मिक क्षति की भरपाई की जाती है। जिसमे से मछली पालक अपनी मछलियों का बीमा करा सकते हैं। इस योजना की खास बात ये है कि इसमें से प्रीमियम की आधी राशि का भुगतान राज्य सरकार दवारा किया जाएगा| इससे मछली पालकों को सिर्फ आधा प्रीमियम ही जमा कराना होगा। यानि बहुत ही कम प्रीमियम पर मछली पालक अपनी मछलियों का बीमा करा सकते हैं। इस योजना के तहत 01 वर्ष के अंदर मछली मरने या किसी अन्य प्रकार से नुकसान होने पर मछली पालक को इसकी भरपाई के लिए सरकार दवारा सहायता प्रदान की जाएगी। Matsya Fasal Bima Yojana का लाभ इच्छुक लाभार्थी ऑनलाइन आवेदन करके प्राप्त कर सकते हैं|
मत्स्य फसल बीमा योजना के तहत शामिल किए गए अवयव
मत्स्य फसल बीमा योजना के तहत मछली पालन के लिए 03 अवयवो को शामिल किया गया है, जिसका विवरण इस प्रकार है –
- तालाब मात्स्यिकी से “मत्स्य उत्पादन”
- नर्सरी / रियारिंग तालाब प्रबंधन से “मत्स्य बीज” (फ्राई/ फिंगरलिंग) का उत्पादन
- कार्प हैचरी संचालन हेतु “मत्स्य प्रजनकों (ब्रुडर)” का उत्पादन
मछली पालक किसान कितना दे सकेंगे प्रीमियम
ऊपर दिए गए तीनों अवयवो के तहत किसानो को कुछ प्रीमियम का भुगतान करना होगा| जिसमे से इन अवयवों के लिए प्रीमियम राशि सरकार दवारा तय की गई है | इस प्रीमियम राशि का विवरण इस प्रकार है :-
- तालाब मात्स्यिकी से “मत्स्य उत्पादन” :- के लिए 20,700 + GST की प्रीमियम राशि प्रति हैक्टेयर तय की गई है |
- नर्सरी/रियारिंग तालाब प्रबंधन से “मत्स्य बीज” (फ्राई/ फिंगरलिंग) का उत्पादन :- के लिए 52,500 + GST प्रीमियम राशि प्रति हैक्टेयर तय की गई है |
- कार्प हैचरी संचालन हेतु “मत्स्य प्रजनकों (ब्रुडर)” का उत्पादन :- के लिए 56,250 + GST का प्रीमियम राशि प्रति हैक्टेयर सरकार दवारा तय की गई है |
ये प्रीमियम पात्र लाभार्थीयो की सुविधा के अनुसार तय किया गया है, ताकि योजना का लाभ किसानो तक पहुंचाया जा सके|
प्रीमियम पर सरकार दवारा मिलने वाली सब्सिडी
ऊपर बताई गई तीनों अवयवो के लिए सभी प्रीमियम राशि पर 50% की सब्सिडी राज्य सरकार दवारा दी जाएगी| जिसमें से इस योजना के लिए मछली पालक किसान जितनी प्रीमियम राशि का भुगतान करेगा। उस पर राज्य सरकार की ओर से 50% सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सब्सिडी की राशि किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर की जाएगी। जिसमे से किसान मछलीपालक को पहले प्रीमियम की राशि का पूरा भुगतान बीमा कंपनी को करना होगा। उसके बाद ही राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली 50% सब्सिडी की राशि लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इस तरह आधे प्रीमियम पर मछली पालक किसान अपनी मछलियों का बीमा करा सकेंगे और योजना का लाभ उठा सकेंगे|
योजना के तहत कितने प्रतिशित नुकसान पर मिलेगा बीमा का लाभ
मत्स्य फसल बीमा योजना के अंतर्गत 03 प्रकार की अवयवो को शामिल किया गया है | जिसमे से सभी के लिए बीमा राशि तय की गई है | यह बीमा राशि योजना के तहत 80% नुकसान पर मिलेगी| उसके लिए घटना के 24 घंटे के अंदर लाभार्थी द्वारा जिला मत्स्य पदाधिकारी एवं कंपनी को 48 घंटे के अंदर जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा कम्पनी को सूचित करना होगा| तभी योजना का लाभ पात्र लाभार्थी को प्रदान होगा|
अवयवो/ घटको के लिए कितना मिलेगा बीमा का लाभ
मत्स्य फसल बीमा योजना के तहत शामिल किए गए तीनों अवयवो/ घटको के लिए बीमा लाभ प्रदान किया जाएगा। जिसमे से मछली पालक किसानों को नुकसान के एवज में जो राशि दी जाएगी, वे इस प्रकार से है-
- तालाब मात्स्यिकी से मत्स्य उत्पादन : इसके लिए अधिकतम बीमा राशि 2.76 लाख रुपए रखी गई है।
- नर्सरी / रियारिंग तालाब प्रबंधन से मत्स्य बीज (फ्राई/ फिंगरलिंग) का उत्पादन : इसके लिए अधिकतम बीमा राशि 7 लाख रुपए रखी गई है।
- कार्प हैचरी संचालन हेतु मत्स्य प्रजनकों (ब्रुडर) का उत्पादन : इसके लिए अधिकतम बीमा राशि 7.50 लाख रुपए तय की गई है।
योजना का उद्देश्य
मत्स्य फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य मछलियों के नुकसान की भरपाई करना है|
मत्स्य फसल बीमा योजना के लिए पात्रता
- बिहार राज्य के स्थायी निवासी
- मछली पालक
मत्स्य फसल बीमा योजना में चयन के लिए पत्रता
मत्स्य फसल बीमा योजना के चयन के लिए राज्य सरकार ने विभन्न प्रकार की पत्रता सुनिश्चित की है | जो इस प्रकार है –
- योजनांतर्गत वैसे मछुआ / मत्स्य पालक / मत्स्य बीज उत्पादक आदि आच्छदित होंगे जो तालाब मात्स्यिकी से मत्स्य-उत्पादन, नर्सरी / रियारिंग तालाब प्रबंधक से मत्स्य बीज (फ्राई फिंगरलिंग) उत्पादन तथा कॉर्प हैचरी संचालन के लिए मत्स्य प्रजनक (ब्रीडर) का उत्पादन कर रहे हैं।
- योजनांतर्गत एक आवेदक एक या एक से अधिक अवयवों (घटकों) के लिए अलग-अलग आवेदन कर सकते हैं।
- एक लाभुक को अधिकतम दो हेक्टेयर जलक्षेत्र तक के लिए अनुदान अनुमान्य होंगे।
- योजनान्तर्गत निजी अथवा पट्टे पर ली गई तालाब में योजना का लाभ देय होगा।
योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
- तालाब का भू- स्वामित्व प्रमाण-पत्र
- मत्स्य प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र / मत्स्य प्रक्षेत्रों में अनुभव विवरण
- स्वलागत / बैंक से शेष प्रीमियम का भुगतान करने संबंधी शपथ-पत्र
मत्स्य फसल बीमा योजना के लिए कैसे करें आवेदन
- सवसे पहले पात्र लाभार्थी को आधिकारिक वेबसाइट पे जाना होगा|
- उसके बाद आपको मत्स्य योजनायों हेतु आवेदन के विकल्प मे जाकर मतस्य योजनाओं मे आवेदन हेतु प्ंजीकरण करें के लिंक पे किलक कर देना है|
- अब आपके सामने आवेदन फार्म खुलके आएगा|
- इस फार्म मे आपको पुछी गई सारी जानकारी ध्यानपूर्वक भरनी होगी|
- फिर आपको सबमिट के बटन पे किलक कर देना है|
- इस तरह आपके दवारा सफलतापूर्वक इस योजना के लिए आवेदन कर दिया जाएगा|
लॉगिन कैसे करें
- सवसे पहले पात्र लाभार्थी को आधिकारिक वेबसाइट पे जाना होगा|
- उसके बाद आपको मत्स्य योजनायों हेतु आवेदन के विकल्प मे जाकर पहले से प्ंजकृत हैं तो लॉगिन करें के लिंक पे किलक कर देना है|
- अब आपके सामने लॉगिन फार्म खुलके आएगा|
- जिसमे आपको User name / Password दर्ज करके लॉगिन करना है|
- उसके बाद आपके सामने एप्लीकेशन फॉर्म खुलके आएगा| जिसे आपको ध्यानपू्र्वक भरना होगा|
- अब आपको दस्तावेजो को स्कैन करके अपलोड करना है|
- इस प्रक्रिया के बाद आपको अन्त में सबमिट के विकल्प पर क्लिक कर देना है|
- फिर आपको रसीद प्राप्त कर लेनी होगी|
आशा करता हूँ आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी| आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेट और लाइक जरूर करें|
Last Updated on May 31, 2022 by Abinash