राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना | ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन | आवेदन फॉर्म

 

|| Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana | दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना | Online Registration | पात्रता व उद्देश्य || राजस्थान सरकार दवारा राज्य मे दलित एवं आदिवासी वर्ग के युवाओं के कल्याण के लिए दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना को लागु किया गया है| इस योजना के जरिए राज्य के पात्र लाभार्थीयों को रोजगार से जोड़ा जाता है, ताकि राज्य मे बेरोजगारी दर मे कमी लाई जा सके| कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ और इसके अंतर्गत आवेदन कैसे किया जाएगा| ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढना होगा| तो आइए जानते हैं – राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के वारे मे|

Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan

Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana

राजस्थान के मुख्यमंत्री जी दवारा प्रदेश के दलित एवं आदिवासी वर्ग के युवाओं को आत्म-निर्भर व सशक्त वनाने के लिए दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना को शुरू किया गया है| इस योजना के अंतर्गत वंचित वर्गों के युवाओं को खुद का उद्यम स्थापित करने में सक्षम बनाया जाएगा जिसके लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही रीको औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों को जमीन आवंटन की देय राशि की किस्तों पर ब्याज में पूरी तरह से छूट और जमीन रूपांतरण शुल्क में 75% रियायत, जमीन खरीद, लीज व ऋण दस्तावेजों पर स्टांप ड्यूटी मे 100% तक की छूट दी जाएगी। इस योजना से युवाओं के लिए रोजगार पाना आसान हो जाएगा और राज्य के औद्योगिक क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा| जिससे राज्य में नए-नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे| इस सुविधा से प्रदेश मे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बेरोजगारी दर में भी गिरावट आएगी।

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दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के मुख्य पहलु

वंचित वर्गों के युवाओं को खुद का व्यवसाय या उद्यम स्थापित करने के लिए सक्षम बनाने के लिए राज्य मे इनक्यूबेशन कम ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। जिनके लिए 100 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इन ट्रेनिंग सेंटर का संचालन दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री  (DICCI) और भारतीय परिसंघ के सहयोग से किया जाएगा। योजना के तहत स्थापित किए जाने वाले चयनित उद्योगों में रीको/राजस्थान वेंचर कैपिटल फंड की 10% (अधिकतम 25 लाख रुपए प्रति यूनिट) की भागीदारी रहेगी। इसके साथ ही रीको औद्योगिक क्षेत्रों में दलित और आदिवासी वर्ग के उद्यमियों को आवंटित होने वाली जमीन की निर्धारित सीमा को 2000 वर्गमीटर से बढ़ाकर 4000 वर्गमीटर किया जाएगा| इसके अलावा स्थापित इकाइयों के राज्य वस्तु और सेवा कर (SGST) का 7 वर्षों तक के लिए 100% पुनर्भरण किया जाएगा और भूमि परिवर्तन शुल्क में 75% रियायत लाभार्थीयों को दी जाएगी।

 दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना का अवलोकन

योजना का नामदलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना
किसके दवारा शुरू की गईराजस्थान सरकार दवारा
लाभार्थीराज्य के दलित और आदिवासी वर्ग के नागरिक
प्रदान की जाने वाली सहायतास्वरोजगार से जोड़ना
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन / ऑफलाइन

 

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राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य

योजना का मुख्य उद्देश्य दलित और आदिवासी वर्ग से संबंध रखने वाले युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए उन्हे प्रशिक्षण व अन्य सुविधाएं उपलव्ध करवाई जाएगी| जिससे राज्य के सर्वांगीण औद्योगिक विकास में वंचित वर्ग के युवाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने मे मदद मिलेगी|

योजना का कुल बजट

वंचित वर्गों के युवाओं को स्वयं का उद्यम स्थापित में सक्षम बनाने के लिए  इनक्यूबेशन कम ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। जिसके लिए सरकार दवारा 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे|

दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के लिए पात्रता

  • आवेदक को राजस्थान राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए|
  • सभी दलित एवं आदिवासी वर्ग के आर्थिक रुप से कमजोर, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्याधिक अनुसूचित जनजाति और आर्थिक वर्ग से कमजोर परिवार योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हैं।
  • BPL श्रेणी के तहत आने वाले दलित एवं आदिवासी उद्योग कर्मियों को योजना के तहत प्राथमिकता दी जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • स्थायी प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • शैक्षिक योग्यता दस्तावेज
  • बैंक खाता
  • पासपोर्ट साइज फ़ोटो
  • मोबाइल नमवर

मुख्यमंत्री दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के लाभ

  • दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना का लाभ राजस्थान राज्य के दलित और आदिवासी वर्ग के युवाओं को प्रदान किया जाएगा|
  • इस योजना के जरिए वंचित वर्गों के युवाओं को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए सक्षम बनाया जाएगा, जिसके लिए इनक्यूबेशन कम ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। 
  • इस योजना के तहत स्थापित किए गए चयनित उद्योगों में रीको/राजस्थान वेंचर कैपिटल फंड की 10% (अधिकतम 25 लाख रुपए प्रति यूनिट) की भागीदारी होगी। इस भागीदारी से युवा उद्यमियों को तकनीकी एवं विभिन्न स्वीकृतियां प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
  • रीको औद्योगिक क्षेत्रों के दलित और आदिवासी वर्ग के लाभार्थीयों को आवंटित की जाने वाली जमीन की निर्धारित सीमा 2000 वर्गमीटर से बढ़ाकर 4000 वर्गमीटर की जाएगी।
  • स्थापित इकाइयों के राज्य वस्तु और सेवा कर (SGST) का 7 वर्षों तक के लिए 100% पुनर्भरण किया जाएगा।
  • मार्जिन मनी 25% और अधिकतम 25 लाख रुपए तक अनुदान लाभार्थीयों को दिया जाएगा।
  • रीको औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों को जमीन आवंटन की देय राशि की किस्तों पर ब्याज में पूरी तरह से छूट प्रदान की जाएगी|
  • भूमि परिवर्तन शुल्क में 75% की रियायत भी प्रदान की जाएगी।
  • जमीन खरीद, लीज एवं ऋण दस्तावेजों पर स्टांप ड्यूटी के लिए 100% छूट दी जाएगी। 

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दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना की मुख्य विशेषताऐं

  • इस योजना से राजस्थान के दलित एवं आदिवासी वर्ग के युवाओं को आत्म-निर्भर व सशक्त वनाया जाएगा|
  • वंचित वर्गों के युवाओं के लिए औद्योगिक क्षेत्र में नए- नए उद्यम स्थापित किए जाएंगे|
  • राज्य मे रोजगार के अवसर वढेंगे|
  • अब युवाओं के लिए रोजगार अपने राज्य मे ही उपलव्ध हो जाएगा|
  • रोजगार मिलने से पात्र लाभार्थीयों की आय मे सुधार आएगा|

राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के लिए कैसे करे आवेदन

जो आवेदक योजना के अंतर्गत ऑनलाइन व ऑफ़लाइन मोड के जरिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हे थोड़ा इंतजार करना होगा| क्योंकि अभी योजना को शुरू करने की घोषणा की गई है| योजना के लिए आवेदन के लिए अभी आधिकारिक रूप से कोई पुषिट नही हुई है| जैसे ही हमे आवेदन करने हेतु कोई भी जानकारी मिलेगी, तो हम आपको इस आर्टीकल के जरिए सूचित कर देंगे|

आशा करता हूँ आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी, आर्टीकलअच्छालगे तो कॉमेट और लाइक जरूर करे|